श्री गुरु सिंह सभा की अगुवाई में निकली भव्य वाहन रैली, विभिन्न मार्गों से गुजरकर गांधी कॉलोनी गुरुद्वारे पर हुआ समापन
मुजफ्फरनगर। शहर में रविवार का दिन आध्यात्मिक उत्साह, भक्ति और सामुदायिक एकता के रंगों से सराबोर रहा। गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित जागृति यात्रा के रूप में निकाली गई भव्य वाहन रैली ने पूरे शहर का माहौल श्रद्धामय कर दिया। जगह-जगह साध-संगत द्वारा स्वागत किया गया और सवा लाख से एक लड़ाऊँ का संदेश हर मोड़ पर गूंजता रहा।

श्री गुरु सिंह सभा द्वारा सिक्ख धर्म के नौवें गुरु, हिंद की चादर से विख्यात श्री गुरु तेग बहादुर सिंह की 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित जागृति यात्रा के रूप में एक भव्य वाहन रैली का आयोजन किया गया। रैली का शुभारंभ रोडवेज बस स्टैंड के समीप स्थित गुरुद्वारे से अरदास के साथ हुआ। संगत के जयघोष और वाहे गुरु के स्वर से वातावरण गुंजायमान हो उठा। यह वाहन रैली तय मार्गोंकृकोर्ट रोड, झांसी की रानी पार्क, शिव चौक, रूड़की रोड, नावल्टी चौक, अंसारी रोड, मालवीय चौक, भोपा रोड ओवरब्रिज, गौशाला रोड, वकील रोड तथा लिंक रोड होते हुए गांधी कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब पर पहुंची। यहां साध-संगत के लिए गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान सतपाल सिंह मान ने बताया कि धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी ने 350 वर्ष पूर्व अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने बताया कि गुरु जी के साथ उनके तीन विशिष्ट सेवादारकृभाई मतिदास, भाई सतिदास और भाई दयाला जीकृको भी अत्याचारियों द्वारा शहीद कर दिया गया था। यह यात्रा उनके बलिदान और मानवता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है। सभा द्वारा रैली में ड्रेस कोड भी लागू किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों ने सफेद वस्त्रों के साथ बसंती रंग की पगड़ी और चुनरी धारण की। रैली ने साफ-सुथरी और अनुशासित यात्रा का उदाहरण प्रस्तुत किया। यात्रा में गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल के बच्चों ने गुरुबाणी की मधुर प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। रैली में महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे, जिन्होंने गुरु तेग बहादुर के अद्वितीय बलिदान और सार्वभौमिक संदेश, सबका भला को समाज में आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। गुरुद्वारे पर लंगर के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, लेकिन गुरु साहिब के बलिदान का संदेश सभी के हृदयों में एक नई जागृति छोड़ गया।






