प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां 17 वर्षीय छात्र पीयूष सिंह की हत्या उसके ही दादा ने की। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि दादा सरन सिंह एक तांत्रिक के झांसे में आ गए थे, जिसने उन्हें यह यकीन दिलाया कि परिवार पर साया है और उसे खत्म करने के लिए नरबलि देनी होगी। इसी के चलते मासूम की बलि दी गई।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस के मुताबिक, 25 अगस्त को पीयूष स्कूल जाते समय अचानक लापता हो गया। परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस को एक महिला से सुराग मिला, जिसने नाले में एक व्यक्ति को लाश फेंकते देखा था। CCTV फुटेज खंगालने पर आरोपी का चेहरा साफ़ दिखा और वह कोई और नहीं बल्कि मृतक का दादा सरन सिंह निकला।
तांत्रिक की साजिश
‘मैं तंत्र-मंत्र के लिए सरन सिंह के घर गया था। मैने उसे बताया था, परिवार पर साया है। जादू-टोने का असर है। इसका प्रभाव खत्म करने के लिए नर बलि देनी होगी। मैने उसे बताया कि परिवार के अजय सिंह के बेटे (पीयूष) की बलि देना। फिर उसके 9 टुकड़े करना। उन टुकड़ों को दक्षिण-पश्चिम या उत्तर दिशा में फेंक देना। मेरे कहने पर उसने पीयूष की बलि दे दी। फिर उन टुकड़ों को फेंक दिया।’ यह कहना है उस तांत्रिक मुन्ना लाल का, जिसके कहने पर सरन सिंह ने अपने 17 साल के पोते पीयूष को किडनैप किया।
पुलिस ने बताया कि मुन्ना लाल पहले राजगीर था लेकिन बाद में खुद को तांत्रिक बताकर झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के जरिए लोगों से पैसे वसूलने लगा। अब उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
पीयूष की मां कामिनी ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा रोजाना सुबह स्कूल जाता और दोपहर तक घर लौट आता था। लेकिन उस दिन वह घर नहीं लौटा। स्कूल से जानकारी लेने पर पता चला कि बच्चा उस दिन स्कूल पहुंचा ही नहीं था। तभी परिवार ने पुलिस से मदद मांगी।
पीयूष 11वीं कक्षा का छात्र था और अपने दो बड़े भाइयों व मां के साथ रह रहा था। उसके पिता अजय सिंह का पहले ही निधन हो चुका था।