टाटा कंसल्टेंसी सर्विस द्वारा आयोजित की गई परीक्षा में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, मुकदमा दर्ज
मुजफ्फरनगर। प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बढ़ती धांधली को उजागर करती एक गंभीर घटना सामने आई है, जब एक युवक को दूसरे पंजीकृत अभ्यर्थी के नाम और दस्तावेजों के साथ परीक्षा देते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। आईबीपीएस सीआरपी स्पेशलिस्ट ऑफिसर पद के लिए यह परीक्षा टाटा कंसल्टेंसी सर्विस द्वारा आयोजित कराई गई, जिसमें बड़ा फर्जीवाडा उजागर हुआ और टीसीएस के अधिकारी ने फर्जी अभ्यर्थी को परीक्षा केन्द्र पर ही दबोचकर पुलिस को सौंप दिया और मुकदमा दर्ज कराया है। इस घटना ने न केवल परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इस ओर भी इशारा किया है कि परीक्षा माफिया अब भी सिस्टम में सेंध लगाने में कामयाब हो रहे हैं।
शहर के नई मंडी क्षेत्र में स्थित एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़ परीक्षा केंद्र पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (टीसीएस) द्वारा शनिवार को सुबह नौ बजे से आईबीपीएस सीआरपी स्पेशलिस्ट ऑफिसर पद के लिए निर्धारित परीक्षा आयोजित की गई थी। शहर के मौहल्ला मल्लुपुरा, सरवट रोड निवासी निशान्त गर्ग पुत्र अशोक गर्ग टाटा कंसल्टेंसी सर्विस गोमतीनगर लखनऊ में परीक्षा केंद्र के अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। निशांत गर्ग के अनुसार नई मंडी के एसडी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज मंडी समिति रोड को टीसीएस ने इस परीक्षा के लिए आईओएन बनाया था। यहां पर दो पारियों में आईबीपीएस सीआरपी स्पेशलिस्ट ऑफिसर पद के लिए परीक्षा का आयोजन कराया गया। प्रथम पारी की परीक्षा 9 से 11 बजे तक निर्धारित की गई थी। इसी परीक्षा के दौरान पंजीकृत एक अभ्यर्थी नवनीत कुमार पुत्र गंगा शरण सिंह निवासी ग्राम आजमपुर लाडनपुर, जिला अमरोहा को परीक्षा देनी थी, लेकिन नवनीत कुमार के नाम से प्रवेश पत्र और आधार कार्ड लेकर एक युवक पहुंचा। चैकिंग के दौरान युवक ने प्रवेश पत्र और आधार कार्ड के साथ ही अन्य दस्तावेज भी दिखाये। इस पर संदेह हुआ तो टीसीएस से पंजीकृत अभ्यर्थी के दस्तावेज मंगवाये गये। दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच में कुछ असामान्यता नहीं दिखी और युवक को नवनीत मानकर ही परीक्षा कक्ष के लिए प्रवेश दे दिया गया, लेकिन परीक्षा के दौरान इस युवक पर कक्ष निरीक्षक को कुछ संदेह हुआ तो उसके दस्तावेजों का दोबारा मिलान करने पर फर्जीवाड़ा सामने आया और उसको वहीं पकड़ लिया गया। निशान्त ने बताया कि युवक की गहन जांच के बाद पाया गया कि वास्तविक अभ्यर्थी नवनीत कुमार के स्थान पर नितिन कुमार पुत्र राकेश कुमार निवासी गांव अल्लादीनपुर भातपुरा जिला बिजनौर परीक्षा दे रहा था। पूछताछ में नितिन ने खुद स्वीकार किया कि वह नवनीत कुमार की जगह परीक्षा देने आया था और उसके पास मौजूद सभी दस्तावेज नवनीत के ही थे, जो नवनीत ने ही उसको उपलब्ध कराये थे।
इसके बाद परीक्षा केंद्र अधिकारी निशांत गर्ग ने अपने सहयोगी गगन गोसाई के साथ आरोपी नितिन कुमार को नई मंडी ले जाकर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर फौरन कार्रवाई करते हुए नितिन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही पंजीकृत अभ्यर्थी नवनीत कुमार के खिलाफ भी इस फर्जीवाडे में शामिल होने के कारण मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस द्वारा दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा में फर्जीवाड़ा के आरोप में जांच शुरू कर दी गई है। इस घटना ने फिर एक बार देश की परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल लाखों परीक्षाओं में इस तरह के मुन्ना भाई पकड़े जाते हैं, लेकिन इस पर स्थायी रोक लगाना अब भी बड़ी चुनौती बना हुआ है।