भाकियू प्रवक्ता ने गन्ना मूल्य बढ़ोतरी को बताया उम्मीद से कम, कहा-महंगाई जितनी बढ़ी, उतना मूल्य नहीं बढ़ाया
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य वृद्धि को लेकर किसानों में निराशा झलक रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार भी गन्ना किसानों को अपेक्षित राहत नहीं मिली। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर योगी जी चाहते तो इस बार गन्ने का भाव 400 पार कर देते। टिकैत ने कहा कि सरकार ने बढ़ोतरी तो की है, लेकिन यह बढ़ोतरी महंगाई की रफ्तार के मुकाबले काफी कम है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
राकेश टिकैत ने गन्ना मूल्य बढ़ाये जाने के यूपी सरकार के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हमेशा ही गन्ना मूल्य को लेकर उत्तर प्रदेश के किसानों की प्रतिस्पर्धा हरियाणा राज्य के किसानों से रही है। इस बार भी यूपी सरकार के द्वारा गन्ना मूल्य बढ़ाये जाने के बावजूद हरियाणा आगे है। योगी जी कमजोर मुख्यमंत्री नहीं है, उनको देखना चाहिए कि यूपी में विधानसभा चुनाव 2027 में होने वाले हैं। मूल्य 30 रुपये बढ़ाया गया है। ऐसे में अगेती प्रजाति के गन्ने के लिए किसान को 400 और सामान्य प्रजाति के लिए 390 रुपये प्रति कुंतल का भाव तय कर दिया गया है, लेकिन हमेशा ही यह देखने में आया है कि शुगर मिलों के द्वारा अगेती प्रजाति की खरीद को ही प्राथमिकता दी जाती हैं, दूसरी प्रजाति के गन्ने की खरीद को बैन कर समस्या खड़ी की जाती है।
राकेश टिकैत ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस समस्या के समाधान के लिए मांग करते हुए कहा कि कई बार 400 पार की बात हमने खूब सुनी है। इस बार गन्ने में भी योगी जी थोड़ा सा खिसकाव और पैदा करते हुए इसे भी 400 पार कर देते तो भला हो जाता। ये हो जाता तो किसान और हम खुद भी योगी जी का धन्यवाद अवश्य करते। किसान नेता ने कहा कि यूपी में 2027 में चुनाव हैं, ऐसे में किसान अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दें और अगले साल भी सरकार से बढ़ा हुआ गन्ना मूल्य लेने के लिए आंदोलन को जीवित रखा जाये। मुख्यमंत्री योगी भी 2026 में इसी तरह से गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की अपनी सरकार की तैयारी में जुट जायें। उन्होंने कहा कि इस बार जो गन्ना मूल्य बढ़ोतरी की गई है, वो कम है, क्योंकि जिस हिसाब से कृषि लागत बढ़ी है, महंगाई बढ़ रही है, बिजली और उर्वरक के दामों में उछाल आया है, उसके अनुसार और ज्यादा भाव मिलना चाहिए था।
भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा की गई यह गन्ना मूल्य बढ़ोतरी किसानों की एकजुटता से किये गये आंदोलन और संघर्ष का नतीजा है और इसी एकजुटता के कारण आज सरकार गन्ने के भाव को 400 तक लेकर आई है, लेकिन 400 पार करने में हिचकिचाहट की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुलकर जनता के बीच कहते हैं कि हमें सीट 400 के पार चाहिए तो किसानों को 400 का भाव क्यों दिया जा रहा है, ये किसानों के साथ कोरा अन्याय है। गन्ना के साथ ही सरकार दो अन्य फसलों धान और गेहूं की अच्छे दाम पर खरीदी कराने की व्यवस्था करे, आज मंडियों में धान बहुत ही सस्ते दामों में बिक रहा है। किसानों को अपनी फसल उत्पाद कहीं भी ले जाकर बेचने की आजादी दी जाये। यदि हरियाणा में किसान को अच्छा भाव मिलता है, तो वहां फसल ले जाने पर प्रशासन की पाबंदी लगी रहती है, इसको हटाया जाये। जब देश के प्रधानमंत्री स्वयं कह रहे हैं कि किसान अपनी फसल को कहीं पर भी ले जाकर बेच सकता है तो यूपी में किसानों को हरियाणा फसल ले जाने से क्यों रोका जा रहा है?
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान जागरुक बने और सरकारों की नीतियों पर ध्यान रखे। किसानों के नलकूपों और घरों पर स्मार्ट मीटर लगाने की योजना सरकार अपने घोषणा पत्र में लाये। किसान आंदोलन के लिए जुटे रहें। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर पर स्थिति स्पष्ट करें और इसके लगाये जाने पर पाबंदी लागू की जाये। चुनाव का यूपी में समय है, ऐसे में हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री अपने घोषणा पत्र में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को लायें और जनता को स्पष्ट जानकारी दी जाये।







