महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन आखिरकार रंग लाया। लंबे समय से संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे और उनके समर्थकों को बड़ी जीत मिली है। राज्य सरकार ने आखिरकार हैदराबाद गजट जारी कर दिया है, जिससे मराठा समाज के लिए आरक्षण का रास्ता खुल गया है।
मराठा आरक्षण की जंग आसान नहीं थी। मनोज जरांगे ने इस मुद्दे को लेकर लगातार आंदोलन किए और समाज के हक की लड़ाई लड़ी। 2021 में उन्होंने पिंपलगांव में 90 दिनों तक आंदोलन चलाया था। इसके बाद अगस्त 2023 में जालना में हुए उनके आमरण अनशन ने पूरे राज्य का ध्यान खींचा। उस समय पुलिस की कार्रवाई के बाद आंदोलन और भी जोर पकड़ गया और प्रदेश भर में सुर्खियां बटोरीं।
जरांगे का कहना है कि यह जीत केवल उनकी नहीं बल्कि पूरे मराठा समाज की है। उनका मानना है कि लगातार संघर्ष और धैर्य ने आरक्षण की राह को आसान बनाया है।