देहरादून समेत उत्तराखंड के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोग अब भगवान से बारिश रुकने की प्रार्थना कर रहे हैं। इस मानसून सीजन में भारी तबाही देखने को मिली है। फिलहाल देहरादून और उत्तरकाशी में रेड अलर्ट जबकि कई अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के खतरे को देखते हुए हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में आज स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर के अनुसार, मानसून की विदाई के लिए 15 सितंबर तक इंतजार करना होगा। सितंबर के आखिरी सप्ताह तक मानसून कमजोर पड़ सकता है। पिछले साल 2 अक्टूबर और 2023 में 6 अक्टूबर को मानसून गया था, इस बार भी 25 सितंबर के आसपास विदाई की संभावना है।
तेज बारिश के चलते नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। उत्तरकाशी में यमुना नदी स्यानचट्टी पुल तक पहुंच गई, जबकि गढ़वाल और कुमाऊं में बाणगंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी, कोसी और गौरीगंगा समेत कई नदियां खतरे के निशान पर हैं।
सोमवार को देहरादून में लगातार बरसात से गजियावाला स्थित बीजापुर बांध के पास संसारी माता मंदिर ढह गया और आसपास के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। लगातार बारिश से दून में तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
प्रदेश में अब तक 384 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में हैं।
इस बीच, चमोली जिले में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी की चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई, जिससे ठंडक और बढ़ गई है। पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी पारा गिर रहा है और माना जा रहा है कि इस बार ठंड का मौसम जल्दी दस्तक दे सकता है।