भोपा पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ 16 सितम्बर को एसएसपी कार्यालय घेराव का किया था ऐलान
मुजफ्फरनगर। थाना भोपा क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवालों के बीच बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भाकियू नेता की मारपीट मामले में गिरफ्तारी को लेकर भाकियू ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और 16 सितम्बर को एसएसपी कार्यालय के घेराव का ऐलान किया था। इसमें देर रात एसएसपी ने भाकियू नेता से वार्ता की और समस्याओं को समाधान तक ले जाने का भरोसा दिया, तो भाकियू ने घेराव पंचायत को वापस लेने का ऐलान कर दिया। वहीं घर से फरार युवती की बरामदगी न करने और संवदेनशील मामलों में भी त्वरित कार्यवाही करने में लापरवाही सामने आने को लेकर चौकी इंचार्ज पर गाज गिरी और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया।
बता दें कि एक देशी शराब ठेके के सेल्समैन नितिन ने आरोप लगाया था कि ठेके के कथित मालिक सपा नेता सर्वेन्द्र राठी ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनका ठेके से अपहरण किया और फिर बंधक बनाकर उसकी पिटाई की। आरोप है कि सर्वेन्द्र ठेके पर नकली शराब बेचने का दबाव बनाता है और इंकार करने पर उसके साथ मारपीट की गई। इसमें भोपा पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही सर्वेन्द्र राठी को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। बताया गया है कि सर्वेन्द्र राठी भाकियू टिकैत में भी पदाधिकारी रहा है। इसको लेकर भाकियू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव योगेश शर्मा और जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने आपातकालीन बैठक बुलाकर भोपा पुलिस पर निर्दोष के खिलाफ कार्यवाही करने के आरोप लगाते हुए 16 सितम्बर को एसएसपी कार्यालय का घेराव करने का ऐलान कर दिया। इसकी रणनीति के लिए 13 सितम्बर को मोरना में संगठन की बड़ी पंचायत बुलाई गई थी।
योगेश शर्मा ने बताया कि देर रात एसएसपी संजय वर्मा के साथ उनके कैम्प कार्यालय पर भाकियू प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग हुई, जिसमें उनके साथ ही जिलाध्यक्ष नवीन राठी, कपिल सोम, अर्जुन बालियान, मोनू प्रधान और सुमित पचेंडा शामिल रहे। इस मीटिंग में सभी विषयों को उनके सामने रखते हुए थानों और चौकियों में कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा किये जा रहे कथित भ्रष्टाचार को लेकर भी बात रखी गई। योगेश शर्मा ने बताया कि एसएसपी ने उनको भरोसा दिया कि जो भी विषय उनके सामने आये हैं, वो उस पर गंभीरता के साथ निर्णय लेकर कार्यवाही करेंगे। योगेश शर्मा ने कहा कि एसएसपी के भरोसे पर ही 16 सितंबर का आंदोलन स्थगित कर दिया गया है।
दूसरी ओर, एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने पुलिस महकमे में अनुशासन कायम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। लापरवाही बरतने के आरोप में भोपा थाने के सीकरी चौकी प्रभारी उप निरीक्षक तपन जयंत को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई विशेष रूप से उन मामलों के मद्देनजर की गई है, जिनमें चौकी प्रभारी द्वारा समय पर उचित कार्रवाई नहीं की गई। इनमें कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक युवक की हथियारों के साथ तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही थीं। आम जनता की शिकायत पर यह मामला उजागर हुआ, लेकिन संबंधित चौकी प्रभारी द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके साथ ही क्षेत्र में घर से फरार हुई एक लड़की को बरामद करने में चौकी प्रभारी की कथित लापरवाही सामने आई। बताया गया कि योगेन्द्रनगर से करीब दो माह पूर्व एक युवती दूसरी जाति के युवक के साथ फरार हो गई थी। युवती ने अपने प्रेमी के साथ कोर्ट मैरिज भी कर ली। परिजनों की शिकायत पर युवती को बरामद नहीं करने और युवक के पिता को अवैध हिरासत में रखकर प्रताड़ित करने के मामले की शिकायत एसएसपी तक पहुंची। जांच कराई गई, इसमें दोष साबित होने पर दरोगा जी को लाइन में भेजा गया है। एसएचओ भोपा ओमप्रकाश ने बताया कि युवती अभी तक भी बरामद नहीं हुई है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि युवती को पुलिस लेकर आ गई थी। वो तब तक कोर्ट मैरिज कर चुकी थी और अपने पति के साथ ही रहने की जिद कर रही थी। परिजनों के साथ जाने से उसने साफ इंकार कर दिया। बालिग होने के कारण पुलिस ने उसको बिना कार्यवाही भेज दिया था।