देवबंद, सहारनपुर। जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा ने हाल ही में जारी एक वीडियो संदेश में मेलों में मुस्लिम महिलाओं की मौजूदगी पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस्लामी नजरिए से रातभर मेलों में महिलाओं का घूमना-फिरना उचित नहीं है और इससे उनकी इज्जत व सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
मौलाना ने कहा कि मौजूदा दौर में मेले मुस्लिम समाज के लिए रौनक का जरिया तो बनते जा रहे हैं, लेकिन देर रात तक वहां मौजूद रहना नई पीढ़ी के लिए नुकसानदेह है। उनका कहना है कि इससे न केवल बच्चों के संस्कार प्रभावित होते हैं बल्कि फर्ज नमाज की अनदेखी भी होने लगती है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि रातभर मेले में वक्त गुजारने से सुबह की नमाज तक छूट जाती है। इस्लामी तालीमात और तहजीब के लिहाज से यह रवैया सही नहीं है।
कारी इसहाक गोरा का मानना है कि इस्लाम औरत की हिफाजत व इज्जत को अहमियत देता है। ऐसे में मेलों में महिलाओं का रातभर रुकना या घूमना सही नहीं माना जा सकता। उन्होंने मुस्लिम परिवारों से अपील की कि वे अपनी बेटियों व बीवियों को ऐसे मेलों से दूर रखें और उन्हें नमाज, कुरान और इस्लामी तालीम पर ध्यान देने की नसीहत दें।
उनके अनुसार, असली कामयाबी का रास्ता इस्लामी शिक्षा व इबादत से जुड़ा हुआ है, न कि रातभर मेलों में वक्त गुजारने से।