लखनऊ/रामपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता और कद्दावर चेहरा आज़म ख़ान से मिलने रामपुर जाएंगे। यह मुलाक़ात ऐसे समय पर हो रही है जब बसपा सुप्रीमो मायावती की लखनऊ में 9 अक्टूबर को होने वाली रैली की तैयारियां जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश का यह दौरा रणनीतिक रूप से तय किया गया है, क्योंकि हाल के दिनों में आज़म ख़ान के बसपा से नज़दीक़ी की चर्चाएँ तेज़ रही हैं।
आज़म ख़ान का तंज और बयान
सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद से ही आज़म ख़ान लगातार सुर्ख़ियों में हैं। बुधवार को रामपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा—
“वो बड़े नेता हैं। अगर मेरे बारे में कुछ कहते हैं तो यह उनका बड़प्पन है। वो नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के बेटे हैं और हमारे लिए भी उतने ही अज़ीज़ हैं, जितने नेताजी रहे होंगे।”
आज़म ने यह भी कहा कि उनके पास अब तक मोबाइल तक नहीं है और पांच साल दूर रहने के कारण उन्हें अपनी पत्नी का नंबर तक याद नहीं रहा। उन्होंने खुद को “बड़ा आदमी” कहने से इनकार करते हुए कहा कि वे तो सिर्फ “ख़ादिम और सेवक” हैं।
अखिलेश का यात्रा कार्यक्रम
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव 8 अक्टूबर की सुबह 10 बजे प्राइवेट जेट से लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से बरेली रवाना होंगे। वहाँ से सड़क मार्ग द्वारा सीधे रामपुर स्थित आज़म ख़ान के आवास पहुँचेंगे। यहाँ करीब एक घंटे का कार्यक्रम तय है। इसके बाद वे वापस लखनऊ लौट आएंगे।
केस वापसी और 2027 चुनाव पर बयान
जब पत्रकारों ने अखिलेश की उस बात पर सवाल किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सपा सरकार आने पर आज़म ख़ान के सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे, तो आज़म ने कहा—
“शायद इसकी ज़रूरत ही न पड़े। अगर इन मामलों में दम होता तो मैं आज बाहर न होता। छोटी अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मुझे इंसाफ़ की उम्मीद है। एक दिन मैं बेदाग़ हो जाऊँगा।”
2027 में सपा की संभावनाओं पर आज़म ने कहा कि भविष्यवाणी करना उनके बस की बात नहीं है। हालांकि उन्होंने अखिलेश के प्रति अपना भरोसा जताते हुए कहा कि वे उनके भले और सपा की मज़बूत सरकार की कामना करते हैं।