सिख समाज ने दिया भक्ति, सेवा और भाईचारे का संदेश, कीर्तन, कथा और लंगर में उमड़ी संगत
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश पर्व धार्मिक उल्लास, भक्ति और सेवा भावना के वातावरण में मनाया गया। नगर के रोडवेज गुरुद्वारा में आयोजित इस भव्य आयोजन में संगतों ने गुरुबाणी कीर्तन, कथा श्रवण और सेवा के माध्यम से गुरु नानक देव जी के उपदेशों को आत्मसात किया। पूरा परिसर ‘वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह के जयघोष से गूंज उठा।
श्री गुरु सिंह सभा की ओर से रोडवेज गुरुद्वारा में गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश पर्व अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध हजूरी रागी भाई कमलजीत सिंह ने मधुर कीर्तन प्रस्तुत कर संगतों को निहाल किया। उनके द्वारा गाए गए भजन और शबदों ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिकता से सराबोर कर दिया। गुरुद्वारा गांधी कॉलोनी के हेड ग्रंथी ज्ञानी जोगा सिंह और ज्ञानी हरजीत सिंह ने कथा के माध्यम से श्री गुरु नानक देव जी के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव जी ने मानवता, समानता और सेवा को जीवन का सर्वाेच्च उद्देश्य बताया था।

कार्यक्रम में गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल के बच्चों ने शबद-गायन प्रस्तुत कर संगतों का मन मोह लिया। उनके सुरीले सुरों और सादगीपूर्ण प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। सेवा भावना के प्रतीक इस अवसर पर सामाजिक संस्था समर्पित युवा द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रक्तदान कर मानवता की सेवा का संदेश दिया। मंत्री कपिल देव अग्रवाल, नगरपालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा, भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत, सपा के राष्ट्रीय सचिव राकेश शर्मा, निशांत मलिक, उद्यमी कुश पुरी, सुनील तायल, कृष्ण गोपाल मित्तल, सभासद अमित पटपटिया सहित अनेक जनप्रतिनिधि, व्यापारी, उद्यमी और नगर के गणमान्य लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी ने गुरुद्वारे में मत्था टेककर गुरु नानक देव जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान सतपाल सिंह मान एवं पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों और संगतों का हार्दिक स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन पर गुरु का अटूट लंगर बरताया गया, जिसमें सभी ने समान भाव से सहभागिता की। प्रकाश पर्व का यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि समाज में सेवा, एकता और भाईचारे का सशक्त संदेश भी दे गया। गुरु नानक देव जी के उपदेशों को आत्मसात करने का संकल्प लेकर संगतें अपने-अपने घर लौटीं।






