पुलिस ने देर रात किया गिरफ्तार, करोड़ों की टैक्स चोरी और गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामलों में राणा परिवार पर शिकंजा कसा
मुजफ्फरनगर। कभी बसपा के कद्दावर नेता और बिजनौर से विधायक रहे जिले के प्रमुख औद्योगिक घराने राणा परिवार के सदस्य शाहनवाज राणा के परिवार पर कानूनी शिकंजा और कस गया है। बुधवार देर रात पुलिस ने उनके बेटे अब्दुल अहद राणा को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी उस मुकदमे के सिलसिले में की गई, जिसमें आरोप है कि उसने जेल में बंद अपने पिता तक मोबाइल फोन पहुंचाया था और करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी में सक्रिय भूमिका निभाई थी। पुलिस ने यह कार्रवाई शहर के एक बैंक्वेट हॉल में चल रहे पारिवारिक शादी समारोह से की, जहां आधी रात करीब 12 बजे अब्दुल अहद को गिरफ्तार किया गया।
अब्दुल अहद के खिलाफ लगभग आठ महीने पहले मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह वही मामला है जो पूर्व विधायक शहनवाज राणा के द्वारा उनके परिवार की वहलना चौक स्थित राणा स्टील फैक्ट्री पर सेंट्रल जीएसटी की छापेमारी से जुड़ा है। 5 दिसंबर 2024 को हुई इस छापेमारी के दौरान जीएसटी टीम पर हमला किया गया था। घटना के बाद राणा परिवार के लोगों और उनके समर्थकों के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं। इसमें शाहनवाज राणा और पूर्व सांसद कादिर राणा की बेटियों को गिरफ्तार किया गया था। एफआईआर में राणा परिवार के सदस्यों और 200 से 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी दल पर हमला और गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

मार्च 2025 में जब शहनवाज राणा मुजफ्फरनगर जेल में बंद थे, तभी उनके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। जांच में सामने आया कि यह मोबाइल जेल के भीतर अब्दुल अहद और उसके साथियों की मदद से पहुंचाया गया था। इसके बाद नई मंडी थाने में शहनवाज राणा, अब्दुल अहद, पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी, नौकर आमिर और अन्य के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हुआ। इस घटना के बाद राणा को सुरक्षा कारणों से चित्रकूट जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। लगभग नौ महीने बाद 24 अगस्त 2025 को शहनवाज राणा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। रिहाई के बाद से वे मुजफ्फरनगर में ही रह रहे थे, जबकि पुलिस और जीएसटी विभाग उनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे।
एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि अब्दुल अहद राणा के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। प्रारंभिक जांच से स्पष्ट हुआ है कि उसने न केवल जीएसटी चोरी के नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि जेल में बंद अपने पिता तक मोबाइल फोन पहुंचाने की साजिश में भी शामिल था। उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। चाहे व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अपराध करने पर उसे बख्शा नहीं जाएगा। मामले में शामिल अन्य संदिग्धों की भूमिका का भी परीक्षण किया जा रहा है।
अब्दुल अहद के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया था गैर जमानती वारंट
पूर्व विधायक शाहनवाज राणा के पुत्र अब्दुल अहद राणा की गिरफ्तारी को लेकर एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने मीडिया कर्मियों को बताया कि जनपद मुज़फ्फ़रनगर में थाना नई मंडी पुलिस ने लंबे समय से वांछित चल रहे अभियुक्त अब्दुल आहद राणा को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी 05/06 नवंबर 2025 की दरमियानी रात को चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर की गई। अभियुक्त के खिलाफ थाना नई मंडी ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), कारागार अधिनियम की धारा 42, दूरसंचार अधिनियम की धारा 42 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत था।
एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि अभियुक्त अब्दुल आहद राणा उक्त मुकदमे में वांछित चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी के लिए माननीय न्यायालय से भी एनबीडब्ल्यू (गैर-जमानती वारंट) जारी किए गए थे। थाना नई मंडी पुलिस टीम ने लगातार दबिश और चेकिंग जारी रखी जिसके परिणामस्वरूप बीती रात अभियुक्त को दबोच लिया गया। बताया कि अब्दुल आहद राणा पर यह गंभीर आरोप है कि उसने जेल में मुलाकात के दौरान एक योजनाबद्ध तरीके से मोबाइल फोन को अपने पिता शाहनवाज राणा तक पहुंचाया था। जो पहले से ही जेल में बंद थे। इस कृत्य के बाद ही उस पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। नई मंडी पुलिस ने अब्दुल अहद को रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया।






