नई दिल्ली: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) की महिला विंग “जमात-उल-मोमिनात” की भारत प्रमुख डॉ. शाहीना की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। गिरफ्तार डॉ. शाहीना की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसके बाद खुफिया एजेंसियों ने उसके आतंकी नेटवर्क की तहकीकात तेज कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, जैश ने डॉ. शाहीना को भारत में महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने और संगठन के लिए भर्ती करने की जिम्मेदारी दी थी। यह महिला विंग जैश की नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें महिलाओं को मनोवैज्ञानिक युद्ध (Psychological Warfare), प्रचार (Propaganda) और फंडिंग (Terror Funding) जैसे कार्यों में शामिल किया जा रहा है।
पाकिस्तान में मसूद अजहर की बहन चला रही महिला विंग
इस संगठन की कमान पाकिस्तान में मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के पास है। सादिया के पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक केस का मास्टरमाइंड रह चुका है। “जमात-उल-मोमिनात” का उद्देश्य महिलाओं को धार्मिक जिम्मेदारियों और जिहाद के नाम पर प्रशिक्षित कर आतंकी मिशनों में शामिल करना है। भारत में डॉ. शाहीना को इसी मिशन को आगे बढ़ाने का कार्य सौंपा गया था।
अल-फला यूनिवर्सिटी से जुड़ा नाम, सोशल मीडिया पर एक्टिव थी शाहीना
फरीदाबाद की अल-फला यूनिवर्सिटी, जो लगभग 70 एकड़ क्षेत्र में फैली है, से शाहीना जुड़ी हुई थी। अब जांच का फोकस यह है कि क्या शाहीना ने यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों या स्टाफ को भी जिहाद के लिए प्रेरित किया था। खुफिया एजेंसियों को टेलीग्राम पर एक ग्रुप का भी सुराग मिला है, जिसमें कई डॉक्टर शामिल थे — कुछ मारे जा चुके हैं और कुछ पकड़े गए हैं। यह ग्रुप पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के संपर्क में था, जो सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से कट्टरपंथी विचारधारा फैलाते थे।
पुलवामा कनेक्शन: तीन कश्मीरी संदिग्ध भी हिरासत में
इस केस से जुड़ी जांच में तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी हैं — तारिक अहमद मलिक (पुत्र गुलाम अहमद मलिक) – एटीएम गार्ड
आमिर राशिद (पुत्र ए.बी. राशिद मीर) – तारिक का सिम इस्तेमाल कर रहा था
उमर राशिद (पुत्र ए.बी. राशिद मीर) – आमिर का भाई
सूत्रों के अनुसार, तारिक अहमद और आमिर राशिद को श्रीनगर ले जाया गया है, जबकि उमर राशिद पम्पोर पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए हिरासत में है।
जांच एजेंसियों की नजर अब नेटवर्क की गहराई पर
एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी हैं। एजेंसियां यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि क्या इस महिला नेटवर्क के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों में स्लीपर सेल (Sleeper Cells) सक्रिय किए गए थे।






