दिल्ली में सोमवार शाम हुए धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं। भूटान से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली। पीएम मोदी ने सभी घायलों के बेहतर उपचार के निर्देश दिए और कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में ले ली है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने इस घटना की जांच के लिए “स्पेशल 10” नामक टीम गठित की है, जिसमें एक आईजी, दो डीआईजी, तीन एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। एनआईए के डीजी और आईबी चीफ के बीच इस मामले पर उच्चस्तरीय बैठक भी हुई है। जांच एजेंसी अब दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस से जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ी केस डायरी अपने कब्जे में ले रही है ताकि जांच को और आगे बढ़ाया जा सके।
खुफिया सूत्रों का मानना है कि दिल्ली ब्लास्ट का संबंध फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल से हो सकता है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब जांच एजेंसियों के रडार पर है। इस यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन संदिग्ध पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। एनआईए और स्थानीय पुलिस अब यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है।
एजेंसियों ने अब तक विश्वविद्यालय के लगभग 50 लोगों से पूछताछ की है, जिनमें फैकल्टी मेंबर, छात्र, डॉक्टर मुजम्मिल के सहयोगी और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य शामिल हैं। इस पूछताछ के दौरान छह और लोगों को हिरासत में लिया गया है। फरीदाबाद पुलिस और एनआईए उनसे आतंकी नेटवर्क से जुड़े सवाल-जवाब कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलएनजेपी अस्पताल में घायलों से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार हर पीड़ित को हरसंभव सहायता देगी और जांच एजेंसियों को तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमला देश की शांति पर हमला है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।






