भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक और पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय कृषि मंत्री के समक्ष रखे 17 बिंदुओं वाले व्यापक सुझाव
मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार द्वारा आगामी बजट पर हितधारकों से परामर्श की प्रक्रिया के तहत कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित प्री-बजट कंसल्टेशन बैठक में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक और पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने किसानों की समस्याओं और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों को मजबूती से उठाया। इस दौरान दोनों संगठनों ने कृषि बजट को दोगुना करने, किसानों के लिए दीर्घकालिक पंचवर्षीय कृषि नीति लागू करने तथा कृषि को लाभकारी बनाने के लिए संरचनात्मक सुधारों पर जोर देते हुए विस्तृत सुझाव केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कृषि भवन स्थित कक्ष संख्या 142 में आयोजित प्री-बजट कंसल्टेशन मीटिंग में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक तथा पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज कराई। बैठक में किसानों की समस्याओं, कृषि क्षेत्र की जरूरतों और बजट से अपेक्षाओं को लेकर संगठन ने 17 प्रमुख बिंदुओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।

धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि कृषि क्षेत्र देश का सबसे बड़ा रोजगार जनक क्षेत्र होने के बावजूद लंबे समय से उपेक्षा का शिकार रहा है। उन्होंने सरकार से कृषि बजट को दोगुना करने और किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीति अपनाने की मांग रखी। संगठन ने कहा कि कृषि को स्थिरता देने के लिए उत्पादन आधारित नहीं, बल्कि किसान कल्याण आधारित पंचवर्षीय कृषि नीति अनिवार्य है। अंत में धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि इन सुझावों को लागू करने से कृषि क्षेत्र मजबूत होगा, किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार आगामी बजट में इन बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करेगी।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक और पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बैठक में रखे गए प्रमुख सुझाव
1. फसलों का लाभकारी समर्थन मूल्य
संगठन ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार बी-2 लागत का डेढ़ गुना (50ः लाभ सहित) एमएसपी लागू करने की पुरजोर मांग की। किसानों की आय सुरक्षा के लिए एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की बात भी छाई रही।
2. पंचवर्षीय कृषि नीति
बैठक में कहा गया कि नीति बदलावों के कारण किसान असमंजस में रहते हैं। खेती को स्थिरता देने के लिए लंबी अवधि का बाध्यकारी पंचवर्षीय कृषि पैकेज बनाया जाए ताकि उत्पादन, विपणन, सिंचाई व मूल्य निर्धारण स्पष्ट रूप से तय हो सके।
3. सस्ता और लंबी अवधि का कृषि ऋण
किसानों को कम ब्याज दर पर दीर्घकालिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने, प्राकृतिक आपदा में ऋण पुनर्गठन और ‘फार्म लोन सिक्योरिटी कॉर्पाेरेशन बनाने की मांग रखी गई, ताकि किसानों का डिफॉल्ट सरकारी जोखिम पूल में आए।
4. कृषि वैल्यू चेन को मजबूत करना
ग्रेडिंग-सॉर्टिंग यूनिट, कोल्ड चेन, प्रोसेसिंग यूनिट और कृषि लॉजिस्टिक्स पर विशेष बजट प्रावधान करने की सिफारिश की गई, ताकि किसानों को उपज का बेहतर मूल्य मिल सके।
5. कृषि विस्तार प्रणाली में सुधार
किसानों को कीटनाशक कंपनियों की बजाय वैज्ञानिक सलाह मिले इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों, डिजिटल सलाह प्रणाली और फील्ड स्टाफ को मजबूत करने का प्रस्ताव रखा गया।
6. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार
संगठन ने छोटे किसानों के लिए प्रीमियम शून्य करने, सर्वेक्षण को ड्रोन आधारित बनाने तथा क्लेम भुगतान को समयबद्ध करने की मांग की।
अमेरिका की तरह कीमत गिरने पर भी बीमा कवर देने पर जोर दिया गया।
7. सिंचाई व जल प्रबंधन
देश में बड़ी नहर परियोजनाओं, जल संरक्षण और बाढ़ के पानी को संरक्षित करने वाली परियोजनाओं को गति देने की आवश्यकता बताई गई।
8. कृषि विपणन व इंफ्रास्ट्रक्चर
देश में 42,000 मंडियों की जरूरत बताते हुए मंडियों को आधुनिक सुविधाओं, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंगकृसे लैस करने की जरूरत बताई गई।
9. कृषि आधारित उद्योग
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन हेतु कृषि आधारित और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई।
10. किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा
किसानों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया गया।
11. निर्यातक फसलों के लिए बोर्ड
तंबाकू और कॉफी की तरह अन्य निर्यातक फसलों के लिए बोर्ड गठन की आवश्यकता बताई गई।
12. कृषि उपकरणों पर ळैज् समाप्त
खाद, कीटनाशक, पशु आहार, कृषि उपकरण आदि को ळैज् से पूरी तरह मुक्त करने की मांग रखी गई।
13. जलवायु परिवर्तन का समाधान
80 प्रतिशत सब्सिडी पर ड्रिप-स्प्रिंकलर और 20,000 करोड़ के विशेष ‘क्लाइमेट रेसिलिएंस फंड की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
14. प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान
इस योजना के बजट को दोगुना करने की मांग की गई।
15. कृषि निर्यात एवं व्यापार समझौते
एमएसपी से कम मूल्य पर आयात पर प्रतिबंध और निर्यात प्रतिबंध केवल आपात स्थिति में लागू करने की सिफारिश की गई।
16. युवा किसानों के लिए विशेष फंड
युवा कृषि उद्यमियों के लिए 5 करोड़ तक स्टार्टअप फंड तथा प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 100 करोड़ तक बिना ब्याज का ऋण दिए जाने का सुझाव दिया गया।
17. डिजिटल खेती
ड्रोन सर्वे, स्मार्ट सेंसर, डिजिटल मौसम स्टेशन और एआई आधारित फसल सलाह के लिए विशेष बजट प्रावधान की मांग की गई।






