कहा-पंचायत में तय 10 में से एक भी मांग पूरी नहीं, साथ देने का वादा करने वाले भी घर जाकर सो गये, नाराजगी जताई और सर्वसमाज से इस आंदोलन में पहुंचने की अपील की
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में छात्र उज्ज्वल राणा की आत्मदाह कांड के बाद न्याय की लड़ाई लड़ रहे परिजनों तथा छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। परिवार का आरोप है कि पंचायत में दिए गए आश्वासन धरातल पर नहीं उतरे, न आरोपियों की गिरफ्तारी पूरी हुई और न ही सरकार द्वारा किसी प्रकार की आर्थिक सहायता या नौकरी की बात आगे बढ़ी। ऐसे हालातों में मृतक के चाचा सचिन राणा और बहन सलोनी राणा ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर बेमियादी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। परिवार और छात्रों ने नेताओं और जन प्रतिनिधियों पर भी अब अनदेखी करने के आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई और सर्वसमाज से इस आंदोलन में पहुंचने की अपील की है।
शनिवार को एक रेस्टोरेंट में हुई प्रेस वार्ता के दौरान उज्ज्वल राणा के चाचा सचिन राणा, बहन सलोनी राणा और छात्र नेता वीशू मलिक ने पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उज्ज्वल की मौत के बाद डीएवी कॉलेज बुढ़ाना गेट पर हुई पंचायत में जो 10 प्रमुख मांगें तय हुई थीं, उनमें से एक भी मांग पूरी नहीं हुई। न तो सरकार से मुआवजा दिलाया गया और न ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दिलाने की प्रक्रिया शुरू हुई। परिवार का आरोप है कि प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी अधूरी है और अब तक कई नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। साथ ही, उज्ज्वल की प्रतिमा लगाने की घोषणा भी कागजों में कैद होकर रह गई है। परिजनों का कहना है कि नेताओं ने पंचायत में वादा किया था, लेकिन बाद में सब घर जाकर सो गए और किसी ने भी कार्रवाई के लिए आगे कदम नहीं बढ़ाया।
मृतक के चाचा सचिन राणा और बहन सलोनी राणा ने स्पष्ट कहा कि सरकार और प्रशासन को जगाने के लिए अब परिवार सड़कों पर उतरेगा। उन्होंने घोषणा की कि 8 दिसंबर से डीएवी कॉलेज बुढ़ाना के मुख्य गेट पर बेमियादी धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। सलोनी राणा ने कहा कि उनका भाई उज्ज्वल छात्र हितों के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ है। सरकार और प्रशासन की नींद तोड़ने के लिए परिवार अनशन पर बैठेगा। छात्र नेता वीशू मलिक ने भी कहा कि छात्रों में रोष बढ़ रहा है और मांगें पूरी न होने पर बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। प्रेस वार्ता में वीशू मलिक, मनीष कालखंडे, मोनू मलिक, विजित तालियान, अंकुर राठी, सार्थक लाटियान, शुभम मलिक, विशाल सिंह, रवि राठी, पुनीत पंवार, आदित्य पंवार आदि मौजूद रहे।
बता दें कि डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना में बीए के छात्र उज्ज्वल राणा की फीस जमा न होने पर प्राचार्य प्रदीप कुमार और अन्य शिक्षकों से 6 नवंबर को विवाद हुआ। 07 नवंबर को प्राचार्य व अन्य पर मारपीट और उत्पीड़न के आरोप लगे, अपमान से आहत होकर उज्ज्वल ने 08 नवंबर को कॉलेज परिसर में स्वयं पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। अगले दिन 09 नवंबर को सफदरजंग अस्पताल में उज्ज्वल की मौत हो गई। 10 नवंबर को डीएवी कॉलेज के सामने छह घंटे हंगामा और पंचायत के बाद दस मांगों पर सहमति बनी, जिसके बाद उज्जवल का अंतिम संस्कार किया गया। इस मामले में अभी तक प्राचार्य प्रदीप कुमार और पीटीआई संजीव कुमार की गिरफ्तारी ही हो पाई है। एसएसपी ने लापरवाही बरतने वाले दरोगा नंद किशोर और दो सिपाहियों ज्ञानवीर व विनीत कुमार को लाइन हाजिर किया। जबकि मुख्य आरोपी कॉलेज प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग और अन्य की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। परिवार की दस मांगों में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी, प्रबंध समिति निरस्त कर नई कमेटी बनाने, कॉलेज भूमि की जांच, बुढ़ाना में उज्ज्वल राणा की प्रतिमा, परिवार से सरकारी नौकरी, सरकार से 15 लाख मुआवजा, उज्ज्वल के नाम पर कॉलेज का गेट और लाइब्रेरी में एक हॉल का नामकरण शामिल हैं।






