नयी दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि कोरोना काल में कानून बन सकते हैं तो समाप्त क्यों नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को कुचलने का प्रयास करेगी। आंदोलन का हश्र क्या होगा, अभी यह नहीं पता। अगर आंदोलन असफल हुआ तो सरकार मनमर्जी करेगी और अगर सफल रहा तो किसानों की आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने क्या किया समझ नहीं आया। ऑक्सीजन देने वाले को लाठी मिली। समझ में नहीं आया कि सरकार देना क्या चाहती थी 400 का इंजेक्शन 40 हजार में बेचा गया। बीमारी के नाम पर देश को लूटा गया। रोटी तिजोरी की वस्तु बन गई है। उसी के नाम पर यह आंदोलन है। हम शांति से आंदोलन बढ़ाएंगे। ये आंदोलन 2024 तक भी चल सकता है। किसानों को इसके लिए उसी तरह तैयार रहना है जैसे वो फसलों की तैयारी करते हैं।
टिकैत ने कहा कि अगर गांवों में बैठे लोग नहीं आएंगे तो आंदोलन कैसे चलेगा। आंदोलन की रखवाली खेत की तरह करनी पड़ेगी। यहां ट्रॉलियां, बांस, चारपाई सहित अन्य सामान चाहिए। चंदा गांव से आ रहा है। आंदोलन लंबा चलाना है तो सामानों को बर्बाद नहीं करना होगा। सफेद झंडा कल लगेगा। शांति से वार्ता और आंदोलन दोनों जारी रहेंगे। हर महीने 26 तारीख आती है। उन्होंने कहा कि वह धरनास्थल पर पानी-बिजली नही कटने देंगे। प्रशासन तंग करेगा तो गांवों में इलाज करेंगे।