यह एक ऐसा नाम है, जो पहचान का मोहताज नहीं है। चाणक्य को महान शिक्षाविद और अर्थशास्त्री कहते हैं। आचार्य चाणक्य के विचार और नीतियां भले ही लोगों को कठिन लगे, लेकिन जीवन की कठोर सच्चाई है। चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए हैं।
इसके साथ ही यह भी बताया कि आखिर ऐसी कौन-सी चीज है जिसे लाख-जतन के बावजूद भी नहीं पाया जा सकता है। चाणक्य एक श्लोक में कहते हैं कि बुद्धि से पैसा कमाया जा सकता है न कि पैसे से बुद्धि कमाई जा सकती है। चाणक्य का अर्थ है कि अगर कोई व्यक्ति बुद्धिमान है तो वह पैसा कमा सकता है। लेकिन अगर व्यक्ति के पास केवल पैसा है तो वह बुद्धि को पैसों से नहीं खरीद सकता है। चाणक्य ने श्लोक का अर्थ विस्तार से समझाते हुए बताया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास पैसा है। पैसा का सही इस्तेमाल और पैसे का इजाफा करना उसके बुद्धि और विवेक पर निर्भर करता है।
चाणक्य कहते हैं कि यह सब बातें व्यक्ति तभी सोच सकता है, जब उसके पास बुद्धि का धनी होता है। इसके विपरीत अगर व्यक्ति बुद्धि का धनी नहीं होता है तो वह सही फैसला कैसे लेगा कि आखिर पैसे को कहां लगाना चाहिए ताकि पैसा डूबेगा नहीं और बचत होगी। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुद्धि से धन को कमाया जा सकता है, लेकिन पैसे से बुद्धि को खरीदना असंभव है। आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में कहते हैं कि अगर व्यक्ति के पास पैसा नहीं होता तो वह व्यक्ति जीवन में सफल हो सकता है, लेकिन जिन व्यक्ति बुद्धि का धनी नहीं होता, उसके हाथ सफलता नहीं लगती है।