नई दिल्ली। पंजाब में मची सियासी कलह के बीच के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को दिल्ली में हाईकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे और अपनी बात रखी।
यह कमेटी पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को शांत करने के लिए बनाई गई है। कैप्टन की बात सुनने के बाद कमेटी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। चर्चा है कि कैप्टन बेअदबी के मुद्दे को दरकिनार कर 2022 के चुनाव पर फोकस करेंगे। वहीं सूत्रों के अनुसार, नाराज विधायकों में सबसे ऊपर नवजोत सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस प्रधान बनाया जा सकता है। पंजाब कैबिनेट की बैठक व अन्य कार्यों के कारण वे गुरुवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुए। दिल्ली पहुंचकर कैप्टन ने कपूरथला हाउस में खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी के साथ बैठक की। तीन सदस्यीय कमेटी से मिलने के बाद कैप्टन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे और उन्हें भी पंजाब कांग्रेस की मौजूदा स्थिति के साथ-साथ आगामी चुनाव को लेकर पंजाब कांग्रेस की तैयारियों की रूपरेखा सौंपेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार देर शाम इस पूरे मामले का पटाक्षेप हो सकता है।
पंजाब कांग्रेस में विवाद की मुख्य वजह बेअदबी और कोटकपूरा फायरिंग मामले में बादल परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया जाना है। पंजाब के विधायकों ने राहुल गांधी से साफ कर दिया है कि अगर बेअदबी के दोषियों को सजा नहीं मिली तो कांग्रेस के लिए अगले चुनाव में मजबूती से खड़े हो पाना संभव नहीं रह जाएगा। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान कुछ कड़े फैसले ले सकता है।