मुसलमानों से मोदी की दोस्ती-गोधरा दंगों ने मुस्लिमों में मेरी छवि खराब कीः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने मुसलमानों से दोस्ती पर पुरानी कहानी सुनाई, कहा-पता है ईद पर मेरे घर खाना नहीं बनता था।
नई दिल्ली। हाल में दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि वो मुसलमानों के प्रति अपने प्यार की ‘मार्केटिंग’ नहीं करते। सबके साथ, सबके विकास में विश्वास करते हैं। ‘ज़्यादा बच्चों वाले’ और ‘घुसपैठियों’ वाले बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफ़ाई दी है। कहा कि उन्होंने केवल मुसलमानों की बात नहीं की थी, बल्कि उनका इशारा हर ग़रीब परिवार की तरफ़ था। ये तक कह दिया कि जिस दिन से वो हिंदू-मुस्लिम करने लगे, सार्वजनिक जीवन के लायक़ नहीं रहेंगे।
अपनी इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं जी। आपसे ये किसने कहा कि जब ज़्यादा बच्चों वाले लोगों के बारे में बात होती है, तो मुस्लिम का नाम जोड़ देते हैं। क्यों मुसलमानों के साथ अन्याय करते हैं? हमारे यहां ग़रीब परिवारों में भी यही हाल है जी। किसी भी समाज के हों, गरीबी जहां है, वहां बच्चे भी ज़्यादा हैं। मैंने न हिंदू कहा है, न मुसलमान कहा है। मैंने कहा है कि आप उतने ही बच्चे पैदा करें, जिनकी लालन-पालन कर सकें। सरकार को (लालन-पालन) करना पड़े, ऐसी स्थिति मत करो। इसी इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि वो मुसलमानों के प्रति अपने प्यार की ‘मार्केटिंग’ नहीं करते। वोट बैंक के लिए काम नहीं करते। सबके साथ, सबके विकास में विश्वास करते हैं।
प्रधानमंत्री अपने जिस भाषण की सफ़ाई दे रहे हैं, वो उन्होंने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली में दिया था। उन्होंने कांग्रेस के मेनिफ़ेस्टो को निशाने पर लेते हुए कहा था कि कांग्रेस जनता का सोना और संपत्ति छीनना चाहती है और इसे ‘अधिक बच्चे वालों’ के बीच वितरित कर देगी। प्रधानमंत्री ने अपनी सफ़ाई में कहा है कि उन्होंने मुसलमानों का नाम नहीं लिया। हालांकि, उन्होंने शब्दशः कहा था, पहले जब उनकी सरकार थी, तो उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब यह संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज़्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है? ये कांग्रेस का मेनिफ़ेस्टो कह रहा है। इस भाषण के बाद कई बार कांग्रेस ने साफ़ किया था कि उनके मेनिफ़ेस्टो में ये कहीं नहीं लिखा गया है कि वो ग़ैर-मुसलमानों के पैसे और संपत्ति छीनकर मुसलमानों को दे देंगे। उन्होंने एक सोशियो-इकोनॉमिक सर्वे कराने की बात कही है, जिसे भाजपा दूसरे नैरेटिव के साथ प्रचारित कर रही है। अब प्रधानमंत्री अपने इंटरव्यू में कह रहे हैं कि अगर वो हिंदू-मुस्लिम करेंगे, तो वो सार्वजनिक जीवन में रहने के योग्य नहीं रहेंगे।
जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब हुए गोधरा दंगों का ज़िक्र भी इंटरव्यू में आया। इस पर उन्होंने कहा कि उनके विरोधियों ने दंगों के बाद मुसलमानों के बीच उनकी छवि ‘ख़राब’ कर दी। मेरे घर के अगल-बग़ल सारे मुस्लिम परिवार थे। हमारे घर में ईद भी मनती थी और भी त्यौहार मनते थे। मेरे घर में ईद के दिन खाना नहीं पकता था। सारे मुस्लिम परिवारों से मेरे यहां खाना आ जाता था। जब मोहर्रम निकलता था, तो कम्पल्सरी होता था कि हम ताज़िए के नीचे से निकलते थे। मैं उस दुनिया से पला-बढ़ा हूं। 2002 के बाद मेरी छवि बहुत ख़राब कर दी गई, गोधरा के बाद। जब पूछा गया कि क्या इस लोकसभा चुनाव में मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को वोट देंगे तो उन्होंने सविश्वास कहा, देश की जनता मुझे वोट देगी।