प्रमोद कृष्णम ने छेड़ा ब्राह्मण राग

Update: 2020-09-24 16:24 GMT

मेरठ। कांग्रेस को अब ब्राह्मणों की याद आ रही है। कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने सवाल किया है कि कांग्रेस शासनकाल में ब्राहमण मुख्यमंत्री तो भाजपा,सपा,बसपा में क्यों नहीं हो सकता है। न्होंने कहा कि कांग्रेस आज सभी दलों से एक सवाल करती है कि 1989 में प्रदेश के मुख्यमंत्री नरायण दत्त तिवारी रहे थे। उसके बाद से आज तक यानी 30 साल के इस कार्यकाल में कोई ब्राहमण मुख्यमंत्री किसी पार्टी ने नहीं बनाया। जबकि इस तीस साल में प्रदेश में भाजपा के राजनाथ, कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री बने,सपा में मुलायम सिंह और अखिलेश मुख्यमंत्री बने और बसपा में मायावती सत्ता में रह चुकी है।

आज ब्राहमण समाज की ओर से यह मांग प्रमुखता से उठ रही है कि आने वाले 2022 के चुनाव में मुख्यमंत्री उनके समाज का होना चाहिए। यह कहना है प्रियंका गांधी के मुख्य सलाहकार और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम का। आचार्य प्रमोद कृष्णम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। कभी इंदिरा गांधी के करीबी रहे और राजीव गांधी के खास रहे प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार कर रही है। पत्रिका संवाददाता केपी त्रिपाठी से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रमोद कृष्णम ने प्रदेश,देश और विदेश की राजनीति पर खुलकर चर्चा की।

भाजपा सरकार ब्राहमण द्रोही

आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि जिस समय केंद्र में और प्रदेश में मोदी—योगी की सरकार बनी उस दौरान ब्राहमणों ने सबसे पहले आगे आकर मोदी—मोदी और योगी—योगी का नारा लगाया था। आज उसी योगी के शासनकाल में ब्राहमणों पर अत्याचार हो रहे हैं। भाजपा आज ब्राहमण द्रोही सरकार हो गई है। सबसे अधिक एनकाउंटर योगी सरकार में ब्राहमणों के हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब ब्राहमणों ने कांग्रेस से मांग की है कि वे आगे आए और ब्राहमणों के नेतृत्व में सरकार बनाएं।
आचार्य प्रमोद कृष्णम 2022 में कांग्रेस की ओर से सीएम पद के लिए ब्राहमण उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं। इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें कभी पद का लालच नहीं रहा है। कांग्रेस ने कभी जाति की राजनीति नहीं की है। न ही आगे करेगी। यह मांग ब्राहमण समाज की ओर से उठ रही है। ब्राहमण समाज ने सपा,बसपा के बाद भाजपा सरकार को भी देख लिया है। खुद ब्राहमण समाज की मांग है कि 2022 में वे कांग्रेस के साथ खड़े होंगे। इसके लिए कई ब्राहमणों के संगठन खुद उनसे मिले। यहां तक कि सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ये मांग की है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को 2022 का सीएम कंडीडेट घोषित करें।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि प्रदेश की जनता का झुकाव अब कांग्रेस की ओर है। कांग्रेस जाति और धर्म की राजनीति नहीं करती। तीस साल से उपेक्षित ब्राहमण समाज के बीच से अब आवाज उठने लगी है। वहां से अवाज उठ रही है कि अब अगला मुख्यमंत्री ब्राहमण समाज से होना चाहिए। कांग्रेस के लिए सभी जातियां आदरणीय हैें। कांग्रेस पार्टी से भी यह मांग उठ रही है कि अब मुख्यमंत्री ब्राहमण समाज का होना चाहिए। ब्राहमण समाज खुद आगे आकर कांग्रेस से यह मांग कर रहे हैं। कई वरिष्ठ ब्राहमण कांग्रेसियों ने भी सोनिया गांधी से ये मांग रखी है कि वे 2022 का चुनाव किसी ब्राहमण उम्मीदवार को सामने करके लड़ें।

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