मेरठ। पश्चिम उप्र के जिलों में तेजी से बढ़ रहा नशे की तस्करी का धंधा युवा पीढ़ी को नशे की लत में धकेल रहा है। ड्रग्स की तस्करी में लगे लोग शहरों से गांव तक पैर फैला चुके हैं।
सप्लाइयर के मेरठ और पंजाब से भी गहरे संपर्कों का पता चला था। लॉकडाउन में भी ट्रकों के भीतर ड्रग्स नेपाल से बिहार के रास्ते लाया गया था। मुजफ्फरनगर में एसएसपी अभिषेक यादव के जीरो ड्रग अभियान में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थ रोज पकड़े जा रहे हैं। इसके बावजूद मोटे मुनाफे के लालच में नशे के तस्कर अपने धंधे में जुटे हैं।
मेरठ जोन नशे के तस्करों का बड़ा हब बना है। पिछले दिनों पकड़े गए ड्रग पैडलर का खुलासा करते हुए एएसपी मेरठ इराज राजा ने बताया कि लालकुर्ती पुलिस ने घोसी मोहल्ले में मूलचंद के मकान पर छापा मारा था। जिसे पाबली खास मोदीपुरम निवासी सतेंद्र और मवाना निवासी राजू ने किराये पर ले रखा था। यहां से 28 किलो गांजा, चार किलो चरस और 220 किलो भांग बरामद की थी। पुलिस ने रतन कुमार निवासी खसौरा हरदोई, राजकुमार निवासी सुभाष नगर सिविल लाइन, जुगल निवासी जामुन मोहल्ला लालकुर्ती और मोनू यादव निवासी शिवशक्ति नगर को पकड़ लिया था, जबकि सतेंद्र और राजू फरार हो गए थे।
चंद घंटों के भीतर जिले में कई लाख का माल खपा दिया जाता है। आसपास के राज्यों में भी इस नेटवर्क की जड़े हैं। साथ ही उनके कई जिलों में भांग और शराब के भी ठेके हैं। हालांकि कार्रवाई के बाद से ही दोनों सरगना फरार हैं। उनकी तलाश में दो टीमें दबिश दे रही हैं। उनके खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पकड़े गए चारों आरोपितों को रविवार को जेल भेज दिया गया।
हाइवे पर अक्सर पकड़े जाते हैं ड्रग्स तस्करी करते हुए ट्रक
हाईवे पर पुलिस ने ऐसे कई ट्रकों को पकड़ा। मेरठ जोन में कई बार ड्रग्स के तस्कर पुलिस के हत्थे चढ चुके हैं। मुजफ्फरनगर पुलिस ने सात लाख रूपये कीमत की चरस के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से बीस किलो पांच सौ ग्राम चरस बरामद हुई थी। इस बारे में एसपी देहात नेपालसिंह ने बुढाना कोतवाली परिसर में बताया था कि ये लोग बाहरी राज्यों से तस्करी कर ड्रग्स लाते हैं और पश्चिम के जिलों में सप्लाई करते हैं। कैराना का इलाका तो दशकों से नशे की तस्करी के लिए बदनाम रहा है।