तमाम सियासी दिग्गजों को सपा से जोड़ने की मुहिम

पूर्व मंत्री राजकुमार यादव से मिल भावुक हुए मुलायम सिंह यादव- अखिलेश यादव के साथ वेस्ट यूपी की राजनीति पर विशद चर्चा

Update: 2021-02-05 09:21 GMT

मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी मिशन 2020 के लिए पिछडे वर्ग समेत तमाम उन वर्गों को जोडने की तैयारी कर रही है, जिनके पास अपना अच्छा वोट बैंक है। पूर्व मंत्री तथा मंडल प्रभारी रहे राजकुमार यादव ने पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव तथा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की। मुलायम सिंह यादव उनका हाथ थाम कर भावुक हो गए। बाद में उन्होंने अखिलेश यादव से किसान आंदोलन, जिले और पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति पर चर्चा की।

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी अपनी मौजूदा संगठन शक्ति को मजबूत करने के साथ तमाम राजनीतिक दलों के कई दिग्गजों को अपने पाले में खींचने की तैयारी कर रही है। इस कडी में जिले और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई बडे दिग्गज जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले हैं। किसान आंदोलन के चलते भाजपा के टूटते तिलिस्म के बीच पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव तमाम नेताओं के साथ भविष्य की राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री तथा लंबे समय तक पश्चिम उत्तरप्रदेश में पार्टी के लिए संजीवनी जुटाने के काम में जुटे रहे राजकुमार यादव ने दिल्ली में गत दिवस पार्टी के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले। काफी अर्से बाद राजकुमार यादव को देखकर नेता जी भावुक नजर आए और उन्होंने उनका हाथ थाम लिया। बाद में राजकुमार यादव ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से करीब एक घंटे तक मुलाकात की। इस दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश तथा जिले की राजनीति पर व्यापक चर्चा हुई।

आगामी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सत्ता में वापसी को लेकर माना जा रहा है कि वेस्ट यूपी की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। ऐसे में पार्टी का पूरा ध्यान इस बात पर है कि यहां संगठन को मजबूत बनाया जाए और इसके साथ ही तमाम वर्गों को पार्टी के साथ जोडने का कार्य किया जाए। इसी मिशन के चलते मुजफ्फरनगर समेत विभिन्न जिलों के तमाम बडे दिग्गजों का सपा में शामिल होने का क्रम जारी है। इसी कडी में कुछ और दिग्गज नेता जल्द समाजवादी पार्टी में शामिल होने की तैयारी में हें। इनमें व्यापक जनाधार वाले पिछडे वर्गों के नेताओं को पार्टी से जोडने की मुहिम चल रही है। सपा नेताओं का मानना है कि एक बडे़ वर्ग का भाजपा से मोह भंग हो चुका है। दूसरी ओर बसपा राजनीतिक परिदृश्य से काफी हद तक सिमट चुकी है। उनका मानना है कि 2022 में उत्तरप्रदेश का सियासी रण भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सिमटने वाला है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व की बड़ी तैयारी इस बात को लेकर है कि जिला स्तर पर संगठन तो निचले स्तर तक मजबूत हो सक्रिय किया जाए और अपनी मौजूदा ताकत में इजाफा करने के लिए ताकतवर नेताओं को पार्टी के साथ जोड़ा जाए। 

Similar News