MUZAFFARNAGAR--डीएम दफ्तर पर किसानों ने गाड़ दी झोपड़ी
भाकियू अराजनैतिक का पांचवें दिन भी जारी रहा धरना, सिटी मजिस्ट्रेट ने झोपड़ी में सुनी किसान नेताओं की बात, गन्ना मूल्य घोषित करने और बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराये जाने की मांग को ले कर हो रहा बेमियादी आंदोलन;
मुजफ्फरनगर। जिला कचहरी में डीएम दफ्तर पर गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग पर आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारियों की मौजूदगी में किसानों ने झोपड़ी गाड़ दी। शनिवार को पांचवें दिन किसान यहां पर प्रदेश सरकार के रवैये से खासे नाराज दिखे। किसानों ने ऐलान कर दिया कि गन्ना मूल्य में बढोतरी कराकर ही कचहरी से वापस घर लौटेंगे। इस कड़ाके की ठंड में भी किसान अपना हुक्का पानी लेकर पांच दिनों से डीएम दफ्तर के बाहर खुले आसमां के नीचे धरनारत हैं। किसानों के द्वारा झोपड़ी गाड़कर प्रदर्शन करने पर सिटी मजिस्ट्रेट उनके बीच पहुंचे और किसान संगठन के नेताओं के साथ वार्ता कर उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता तब तक धरना जारी रखेंगे।
बता दें कि कचहरी स्थित डीएम कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का धरने का शनिवार को पांचवा दिन रहा। किसान लगातार प्रदेश सरकार से गन्ना मूल्य घोषित करने और इस बार कम से कम 400 रुपये प्रति कुंतल का भाव तय करने की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर भाकियू अराजनैतिक के कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन किया था। जिसे बेमियादी आंदोलन में तब्दील कर दिया गया। यहां पर प्रतिदिन सैंकड़ों किसान अपना हुक्का पानी और भोजन लेकर जुट रहे हैं। सर्दी के बीच भी किसानों के इस आंदोलन ने कचहरी के माहौल में गरमाहट पैदा कर रखी है। किसानों ने खाने पीने के लिए कचहरी में ही भट्टियां चढ़ा रखी हैं। धरने को पांच दिन पूरे हो जाने के बाद भी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य घोषित नहीं करने पर किसानों में गुस्सा है। शनिवार को यहां पर मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान और जिलाध्यक्ष अंकित चैधरी के नेतृत्व में धरनारत किसानों ने अपनी झोपड़िया गाड़नी शुरू कर दी थी। किसान अपने रजाई और कम्बल के साथ ही हुक्का लेकर इन्हीं झोपड़ियों में जमे रहे। झोपड़ियों में ही आंदोलन को लेकर रणनीति बनाते नजर आये।
किसानों के बीच जिलाध्यक्ष अंकित चैधरी ने कहा कि किसान देश को भोजन देता है लेकिन खुद तंगहाली में है। सरकार को किसान आधारित नीति बनानी होगी। आज किसानों को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने किसान एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि गन्ने का मूल्य घोषित कर किसान को राहत दे। इस बार सरकार को गन्ना मूल्य में बढोतरी करनी होगी। सरकार किसानों को बकाया भुगतान भी नहीं दिला पा रही है। आवारा पशु और दूसरी समस्याओं से भी किसान परेशान है। किसानों की समस्याओं की ओर सरकार को संवेदनशील होकर ध्यान देना होगा। नीचे के अधिकारी सरकार की नीतियों को पलीता लगा रहे है। राजस्व अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ग्रामीण क्षेत्रों मे बिजली के बिल ठीक नही हो रहे है जिससे छूट का लाभ नहीं मिल रहा है, सरकार इस पर ध्यान दे। आंदोलन हमारा जारी रहेगा। इस आंदोलन के कारण आज किसान अपनी आवाज उठा रहे हैं। किसानों को अपनी बात कहते रहना होगा, अगर आप अपनी आवाज बुलंद नही करेंगे तो आपकी कोई सुनने वाला नहीं है। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक पूरी ईमानदारी से किसानो के लिए संघर्ष करती रहेगी। उन्होंने कहा कि जब तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं होगा, यह झोपड़ी नहीं हटाई जायेगी। उधर किसानों के द्वारा झोपड़ी लगाने की जानकारी मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने उनको अपने साथ झोपड़ी में ही बैठा लिया। यहां जिलाध्यक्ष अंकित चैधरी से उन्होंने वार्ता करते हुए आंदोलन समाप्त करने और जल्द ही गन्ना मूल्य घोषित होने की बात कही। जिस पर किसान नेताओं ने आश्वासन पर नहीं घोषणा पर ही आंदोलन खत्म करने की बात कहते हुए धरना जारी रखने का ऐलान किया।