भाजपा विधायक संगीत सोम के खिलाफ दंगे में दर्ज मामले की फाइल बंद

सुनवाई के दौरान पैरोकार सचिन कुमार ने कोर्ट में सुबोध कुमार की 2018 में हत्या की सूचना देते हुए उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी दाखिल किया। इसके उपरांत अदालत ने एफआर को स्वीकार कर लिया। इस तरह संगीत सोम को क्लीन चिट मिल गई।;

Update: 2021-03-09 10:43 GMT

मुजफ्फरनगर। भाजपा के फायर ब्रांड विधायक संगीत सोम पर 2013 में कवाल कांड के समय दर्ज हुए मुकदमे की फाइल बंद हो गई है।

सूत्रों के अनुसार इस मामले में वादी तत्कालीन एएसआई सुबोध थे। उनकी मौत हो चुकी है। इसके बाद पैरोकार ने कोर्ट में वादी का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल किया था।इसके बाद कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव और पैरोकार के बयान के आधार पर संगीत सोम का मुकदमा समाप्त कर दिया। सोम पर कवाल कांड का वीडियो बताकर सोशल मीडिया पर वायरल करने और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने के आरोप में दर्ज मामले में विवेचना के दौरान साक्ष्य न मिलने के आधार पर 2017 में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी।अब अभियोजन के विरोध न करने पर एफआर स्वीकार कर ली गई है।

27 अगस्त, 2013 को जानसठ थानाक्षेत्र के गांव कवाल में मलिकपुरा निवासी ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के बाद एक वीडियो वायरल होने से क्षेत्र में सांप्रदायिक उन्माद फैल गया था। मामले में भाजपा नेता संगीत सोम, शिवम कुमार तथा अज्ञात के विरुद्ध शहर कोतवाली में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने तथा 66 आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई को सौंपी गई। विवेचना में साक्ष्य नहीं मिलने के कारण 14 अप्रैल 2017 को मुकदमे में एफआर लगा दी गई। मामले में वादी मुकदमा तत्कालीन रामलीला टिल्ला चैकी इंचार्ज इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को नोटिस जारी हुए। लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके और ना ही पुलिस की ओर से फाइनल रिपोर्ट का विरोध किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान पैरोकार सचिन कुमार ने कोर्ट में सुबोध कुमार की 2018 में हत्या की सूचना देते हुए उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी दाखिल किया। इसके उपरांत अदालत ने एफआर को स्वीकार कर लिया। इस तरह संगीत सोम को क्लीन चिट मिल गई।

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