एमएलसी की 12वीं सीट पर मचेगा घमासान

सपा ने दूसरा प्रत्याशी उतारने की तैयार कर ली है वहीं भाजपा भी11वां उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। जाहिर है कि 12वीं सीट पर कब्जे को लेकर सियासी घमासान होना तय है।

Update: 2021-01-08 09:57 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव की घोषणा के साथ ही दावंपेंच का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के लिए जहां 10 सीटें और वहीं सपा के लिए एक सीट तय मानी जा रही है।

इस बीच सपा ने दूसरा प्रत्याशी उतारने की तैयार कर ली है वहीं भाजपा भी11वां उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। जाहिर है कि 12वीं सीट पर कब्जे को लेकर सियासी घमासान होना तय है।

विधानसभा में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल को मिला कर 319 विधायक हैं। सपा के 48 सदस्य हैं। बसपा के 18 सदस्यों में से पांच ने बीते नवंबर में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी से बगावत कर दी थी। तकनीकी रूप से ये सभी बसपा में ही हैं। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर रखी है जबकि रामवीर उपाध्याय को पार्टी ने सदस्यता से निलंबित कर रखा है। मौजूदा विधानसभा विधायकों की संख्या के मद्देनजर एक सीट पर जीतने के लिए 35 मतों की जरूरत होगी। ऐसे में भाजपा 10 सीटें आसानी से जीत जाएगी। सपा के 48 विधायक होने के नाते उसे भी विधान परिषद में एक सीट मिल जाएगी। रही बसपा की बात तो उसके लिए 35 मत जुटाना नामुमकिन सी बात है। ऐसे में भाजपा-बसपा के साथ समझौते के तहत 11वीं सीट पाने की भी रणनीति पर काम कर रही है। इसकी भी अपनी वजहें हैं। फिर भी भाजपा को भी 11वां प्रत्याशी जिताने के लिए कांटे का जोर लगाना पड़े तो हैरत नहीं।

समाजवादी पार्टी में अंदरखाने दूसरा प्रत्याशी उतारने की तैयारी है। पार्टी ने लगभग तय कर लिया है कि वह बसपा के साथ ही भाजपा के कुछ असंतुष्ट विधायकों का समर्थन लेगी।  

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