मेरठ में डेढ साल की ईशानी को 22 करोड के इंजेक्शन की दरकार

ईशानी के पिता अभिेषेक ब्रहमपुरी के रहते हैं और प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, जबकि उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं। ईशानी का जन्म 27 अगस्त 2019 को हुआ था।;

Update: 2021-02-25 10:11 GMT

मेरठ। डेढ साल की ईशानी को स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी जैसी दुर्लभ बीमारी के चलते उसे 22 करोड का एक इंजेक्शन लगाना पड़ेगा। गरीब परिवार की ईशानी का उपचार दिल्ली के एम्स में चल रहा है।

बता दे कि ईशानी के पिता अभिेषेक ब्रहमपुरी के रहते हैं और प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, जबकि उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं। ईशानी का जन्म 27 अगस्त 2019 को हुआ था। पिता अभिषेक ने बताया है कि जन्म के बाद सात से आठ महीने तक ईशानी एक सामान्य बच्चे की तरह थी। लेकिन इसके बाद उसके पैर धीरे-धीरे काम करना बंद करने लगे। अब उसकी उम्र डेढ़ साल है। इस समय पैर बिल्कुल भी काम नहीं करता है। थोड़ी सी हरकत पैरों के पंजों में है। इस बीमारी का असर इशानी के हाथों पर पड़ने लग गया है। सीधा हाथ बहुत कम हिल पाता है। अभिषेक ने बताया कि वह 26 दिसंबर को एम्स गए थे। लेकिन जुलाई तक इंतजार करने को कहा गया था। इसके बाद वह ईशानी को गंगाराम अस्पताल गए। 26 दिसंबर को उसने अपना ब्लड सैंपल दिया। यह रिपोर्ट 12 जनवरी को आई और डॉक्टरों ने "स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी" के स्टेज 2 की पुष्टि की। ईशानी के पिता ने बताया कि बेटी के पास इस बीमारी की सिर्फ एक दवा है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। फंड जुटाने के लिए मिलाप और उन्होंने इंपेक्ट गुरु का सहारा लिया। अभिषेक ने बताया है कि स्विटजरलैंड की कंपनी "नोवार्टिस जोलगेन्स्मा" इंजेक्शन तैयार करती है। इसकी कीमत 16 करोड़ रूपये है। साथ में 8 करोड़ का टैक्स भी लगेगा। नोवार्टिस कंपनी दुनियाभर के 50 लोगों को यह दवाई मुफ्त में देती है, लेकिन वह रेंडमली सेलेक्टेड मरीजों को ही मिलती है। लेकिन उसके लिए इंतजार करना बेटी की जान के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। उन्होंने देशवासियों से मदद की गुहार लगाई है।

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