MUZAFFARNAGAR-भीषण गर्मी में बिन पानी और बिजली के बिलबिलाये लोग

शहर के अधिकांश हिस्स्से में नगरपालिका परिषद् जलापूर्ति में हुई फेल, जलकल विभाग सोया कुंभकर्णी नींद

Update: 2024-06-19 10:36 GMT

मुजफ्फरनगर। इस साल गर्मी लोगों की पूरी तरह से अग्निपरीक्षा लेने का काम कर रही है। मानसून लगातार पीछा हटने से लोगों को मई के बाद जून की भीषण गर्मी में सूरज के ताप में झुलसने के लिए विवश होना पड़ रहा है। बारिश को इंतजार लम्बा होने के कारण लोग भयंकर और जानलेवा गर्मी के कारण परेशान हैं और इसका सीधा असर जनजीवन पर भी पड़ रहा है। भीषण गर्मी में बिजली आपूर्ति के साथ ही जलापूर्ति भी प्रभावित होने के कारण बिना पानी और बिजली के गर्मी में लोग बिलबिला उठे हैं। पिछले तीन चार दिनों से तो शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसका कारण अघोषित विद्युत कटौती को बताते हुए नगरपालिका परिषद् के जलकल विभाग के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि पालिका इस भयंकर गर्मी में जलापूर्ति को सुचारू रखने में विफल साबित हो रही है। ईद उल अजहा के मौके पर निर्बाध पानी की आपूर्ति के चेयरपर्सन के निर्देश और ईओ पालिका की व्यवस्था भी धरी रह गई और जलकल विभाग कंुभकर्णी नींद सोता नजर आ रहा है।

नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने ईद उल अजहा के मौके पर पूर्व में पालिका में विभागीय समीक्षा करते हुए तीन दिनों तक बिना शट डाउन के निर्बाध आपूर्ति के निर्देश दिये गये थे। इसके साथ ही ईओ पालिका डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने भी सफाई और जलापूर्ति के लिए सख्त निर्देश जारी किये थे, लेकिन तीन दिनों में ही पालिका का जलकल विभाग सबसे बुरे हालात पैदा करने वाला साबित हुआ है। तीन दिनों में शहर में अधिकांश हिस्से में पानी की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है। बुधवार को भी शहर के मौहल्ला लद्दावाला, खालापार, रामपुरी, आनन्दपुरी, जनकपुरी, शाहबुद्दीनपुर रोड, मिमलाना रोड, रूड़की रोड आदि क्षेत्रों में सवेरे से ही पानी गायब रहने के कारण लोगों को भीषण गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

नगरपालिका के सीमा विस्तार के बाद शहरी क्षेत्र काफी विकसित हो चुका है। पालिका में इस विस्तार के बाद 11 गांव की आबादी भी जुड़ी है और वर्तमान में शहरी क्षेत्र में 55 वार्ड हैं। इनमें पेयजल आपूर्ति के लिए नगरपालिका परिषद् पर बड़ा भार है। एई जलकल सुनील कुमार ने बताया कि पालिका क्षेत्र में पूर्व से 70 नलकूपों के द्वारा पेयजल की आपूर्ति के लिए कार्य किया जा रहा है। इनमें से 66 नलकूपों का ओटोमाइजेशन हुआ है। चार नलकूप नई होने के कारण इनको ओटोमाइजेशन में अभी नहीं जोड़ा जा सका है। इसके साथ ही सीमा विस्तार के बाद 11 नलकूप और पालिका को हैंड ओवर हुए हैं। 66 नलकूपों में से 40 नलकूपों पर जनरेटर की व्यवस्था पालिका द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति में गंभीर बाधा उत्पन्न होने के कारण ही पेयजल आपूर्ति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

पालिका के स्तर से प्रतिदिन नियमित शैडयूल पर नलकूपों का ओटोमेटिक संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अघोषित विद्युत कटौती के कारण ही नलकूपों का संचालन शत प्रतिशत नहीं हो पाने के कारण कुछ क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित होने की शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि शहर की आवश्यकता से ज्यादा पानी नगरपालिका उपलब्ध करा रही है। भीषण गर्मी में भी निर्बाध आपूर्ति हो रही है, कहीं कुछ समस्या हो सकती है। जनरेटर भी निरंतर काम कर रहे हैं। शासनादेश के अनुसार एक व्यक्ति को 135 एलपीसीडी पानी की आवश्यकता तय है, लेकिन शहर में इससे कहीं ज्यादा मात्रा में एक व्यक्ति पानी खर्च कर रहा है। एई सुनील कुमार ने कहा कि पानी की पर्याप्त आपूर्ति पालिका के द्वारा की जा रही है। आपूर्ति में बिजली कटौती सबसे बड़ी बाधा बन रही है। फिर भी पालिका अपने अत्याधिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए पानी की नियमित आपूर्ति करने का प्रयास कर रही है। कुछ क्षेत्रों में पाइप लाइन ज्यादा नीचे होने के कारण भी परेशानी उत्पन्न हो रही है। ऐसे में कई स्थानों पर नये छोटे नलकूप स्थापित कराने का काम शीघ्र ही शुरू किया जा रहा है। इससे शहर में आपूर्ति और भी अधिक सुदृढ़ होगी। 

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