MUZAFFARNAGAR-अंजू अग्रवाल से एक सप्ताह में रिकवरी की तैयारी!
पूर्व चेयरमैन सहित पांच लोगों से रिकवरी कराने में प्रशासन फेल, शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से मिलकर जताई नाराजगी, लोकायुक्त ने दिये थे दंडात्मक कार्यवाही में आर्थिक वसूली के आदेश, जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन को दिये कार्यवाही के आदेश, एक सप्ताह में मांगी गई रिपोर्ट।;
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में पूर्व बोर्ड में वित्तीय अनियमितता के खिलाफ लोकायुक्त में दायर किये गये परिवाद में पूर्व चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी सहित पांच लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही और रिकवरी के आदेश जारी होने के बाद भी जिला प्रशासन प्रकरण में कोई भी कार्यवाही कराने में विफल साबित हुआ है, ऐसे में लोकायुक्त के आदेश की अवहेलना के आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ने मामले में कार्यवाही और रिकवरी कराने के लिए जिलाधिकारी से मिलकर अपना पक्ष रखा और कार्यवाही न होने पर नाराजगी जताई है। मामले में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इससे ठण्डे बस्ते में पड़े इस प्रकरण को लेकर एक बार फिर से नई गरमाहट होने की संभावना बन गई है। इसमें पालिका के दो लिपिक भी शामिल हैं, एक अधिकारी रिटायर्ड हो चुका है।
पूर्व चेयरमैन अंजू अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान दिनेश कुमार शुक्ला एडवोकेट पुत्र बीएस शुक्ला द्वारा साल 2018 में लोकायुक्त में परिवाद दर्ज कराया गया था। परिवाद संख्या 659 में दिनेश मोहन के द्वारा अलग अलग मामलों में शिकायत करते हुए वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की थी। अक्टूबर 2023 में लोकायुक्त ने अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व चेयरमैन अंजू अग्रवाल, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी विकास सैनी, तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी, लिपिक प्रवीण कुमार और लिपिक गोपी चंद वर्मा को लगाये गये आरोपों में दोषी पाते हुए उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही का आदेश जारी करते हुए आर्थिक क्षति का आंकलन कराकर राजस्व की भांति शासन को रिकवरी कराने के निर्देश दिये थे।
इस मामले में जिला प्रशासन के स्तर पर कोई भी कार्यवाही नहीं होने पर शिकायतकर्ता दिनेश मोहन शुक्ला एडवोकेट ने जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से मुलाकात करते हुए शासन के आदेशों और लोकायुक्त के आदेश का हवाला देते हुए कार्यवाही जल्द कराये जाने की मांग की। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि जिला प्रशासन के दौरान लोकायुक्त के आदेशो के साथ ही शासन के निर्देशों पर अभी तक आर्थिक क्षति का आकलन तक भी नहीं कराया गया है। दिनेश मोहन ने डीएम को दिये पत्र में बताया कि लोक आयुक्त के द्वारा जारी किये गये आदेश के लिए उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को तीन माह में आदेश का अनुपालन कराने के लिए पत्र भेजा गया था। इसके बाद अब शासन के विशेष सचिव सत्य प्रकाश पटेल द्वारा जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को 06 दिसम्बर 2023 को पत्र जारी करते हुए लोकायुक्त के आदेश का अनुपालन कराते हुए दंडात्मक कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई। इसमें लोकायुक्त ने आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ पदीय दायित्वों के कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति लापरवाही, कुप्रशासन, कदाचार, शासकीय धनराशि की क्षति के साथ ही अन्य अनियमितताओं के परिप्रेक्ष्य में पूर्व पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल, निवर्तमान अधिशासी अधिकारी विकास सैन और तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की संस्तुति की है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में डीएम ने गंभीरता से कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया है। इसके लिए उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह को आर्थिक क्षति का आकलन कराने, दंडात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। दिनेश मोहन ने कहा कि यदि प्रशासन इसमें गंभीरता नहीं दिखाता है तो वो लोकायुक्त और शासन में फिर से शिकायत कर अवहलेना के लिए प्रशासन को भी पार्टी बनाने का काम करेेंगे।
शासन के आदेश के दो माह बाद भी कार्यवाही नहीं
मुजफ्फरनगर। विशेष सचिव सत्य प्रकाश पटेल ने जिलाधिकारी को आदेश दिये हैं कि वो सभी पांचों आरोपियों द्वारा शासकीय धनराशि का दुरूपयोग व अपव्यय का आंकलन कर समानुपातिक वसूली का प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध करायें ताकि पांचों आरोपियों के खिलाफ रिकवरी आदेश जारी किया जा सके, लेकिन शासन के निर्देशों को आये हुए दो माह से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। इसमें दिनेश शुक्ला ने पालिका में लिपिकांे की अवैध नियुक्ति, मार्ग प्रकाश विभाग में 10 हजार स्ट्रीट लाइटों की खरीद में घपला, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. रविन्द्र सिंह राठी द्वारा एक ही व्यक्ति के दो जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने, पालिका की भूमि पर अवैध कब्जा कराने, गलत ढंग से वित्तीय अधिकार दिये जाने सहित अन्य आरोप लगाते हुए लोकायुक्त में शिकायत की थी।