दो मार्च तक तय हो जाएगा ग्राम पचायत का आरक्षण
बताया जा रहा है कि बीडीसी, प्रधानी व जिला पंचायत सदस्य का आरक्षण दो मार्च को जारी हो जाएगा। पहले इसके पंद्रह मार्च तक तय होने की संभावना जताई जा रही थी। दावेदार अपने हिसाब से आरक्षण की गोटियां फिट करवाने केलिए भी जुगाड बाजी में लगे हैं।;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित पंचायत चुनाव में आरक्षण की स्थिति को लेकर संभावित दावेदारों में हलचल है। अब बताया जा रहा है कि बीडीसी, प्रधानी व जिला पंचायत सदस्य का आरक्षण दो मार्च को जारी हो जाएगा। पहले इसके पंद्रह मार्च तक तय होने की संभावना जताई जा रही थी।
यूपी में अप्रैल में चुनाव प्रस्तावित हैं। पंचायत चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में प्रशासनिक तैयारियां तेजी से चल रही हैं। अब जिले में पंचायती राज विभाग की अफसर आरक्षण तैयार करने में लगे हैं। दूसरी ओर दावेदार अपने हिसाब से आरक्षण की गोटियां फिट करवाने केलिए भी जुगाड बाजी में लगे हैं। पहले बताया गया था था कि आरक्षण की स्थिति पंद्रह मार्च तक साफ होगी। अब बताया गया है कि दो मार्च तक बीडीसी, प्रधानी व जिला पंचायत सदस्य का प्रस्तावित आरक्षण जारी हो जाएगा। इसके बाद आठ मार्च को अंतिम आरक्षण जारी किया जाएगा। पिछले पांच चुनावों में कभी आरक्षित न रहने वाली सीटों को प्राथमिकता से आरक्षित किया जाएगा।
शासन स्तर से पिछले दिनों आरक्षण को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें इस बार बड़ा बदलाव होने की संभावना है। शासनादेस के अनुसार जिस ग्राम सभा में भले ही दो वोट एससी,एसटी, ओबीसी की हो उन ग्राम सभा, बीडीसी की सीट भी एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षित हो सकती है। साल 1995, 2000, 2005, 2010 और 2015 में जो ग्राम सभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी, वह ग्राम सभा इस बार अनुसूचित जाति के लिए आवंटित नहीं होगी। जो पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थीं, वे इस बार अनुसूचित जाति के लिए आवंटित नहीं होगी। जो पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षित रह चुकी हैं, उन्हें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। दो मार्च तक हर हाल में पंचायती राज विभाग को प्रस्तावित आरक्षण जारी करना है। इसके बाद तीन मार्च तक दावे एवं आपत्तियां मांगी जाएंगी। इनका निस्तारण चार से आठ मार्च के बीच होगा है। 8 मार्च को अंतिम आरक्षण जारी होगा। फिलहाल दावेदार अपने हिसाब से आरक्षण फिट करवाने के जुगाड में लगे हैं।