डीजे पर डांस कर रहा था दूल्हा, मौलवी ने नहीं पढ़ाया निकाह
कैराना नगर के मोहल्ला खेलकला में एक व्यक्ति के यहां दो बारात आई हुई थी। जैसे ही बारात लड़की पक्ष के घर पर पहुंची। तभी बारात के साथ लाए गए डीजे को बजाया गया। डीजे बजाकर दोनों दूल्हों ने बारातियों के साथ एक गाड़ी के ऊपर चढ़कर जमकर डांस किया था।;
शामली। आजकल डीजे पर नाचगाना आम हो गया है। हर छोटे-मोटे कार्यक्रम में डीजे पर युवा ही नहीं बड़े-बुजुर्ग पर जमकर नाचते देखे जाते हैं। डीजे पर बज रहे गानों की धुनों का लोग दिल खोलकर लुत्फ उठाते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो डीजे की आवाज सुनकर इस कदर नाराज हो जाते हैं कि कोई भी बयान दे बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला यूपी के शामली जिले से आया है। यहां डीजे पर दूल्हे को नाचते देखकर मौलवी इस कदर रूठे कि उन्होंने शादी कराने से तक से इनकार कर दिया। यह मामला क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
मामला 21 मार्च का बताया जा रहा है। दिल्ली के जगतपुरी से कैराना नगर के मोहल्ला खेलकला में एक व्यक्ति के यहां दो बारात आई हुई थी। जैसे ही बारात लड़की पक्ष के घर पर पहुंची। तभी बारात के साथ लाए गए डीजे को बजाया गया। डीजे बजाकर दोनों दूल्हों ने बारातियों के साथ एक गाड़ी के ऊपर चढ़कर जमकर डांस किया था। बारातियों द्वारा खाना खाने के बाद मोहल्ले की ईदगाह वाली मस्जिद के पेश इमाम कारी सुफियान से निकाह पढ़ाने का की मांग की गई। जिसके बाद कारी सुफियान ने बारात में डीजे बजाने की बात कहते हुए नाराजगी जताते हुए निकाह पढ़ाने से साफ इनकार कर दिया। देर रात करीब 11 बजे दूसरे मौलाना द्वारा दूल्हे दुल्हन का निकाह पढ़ाया।
मौलाना द्वारा निकाह न पढ़ाने जाने के बाद अगले दिन लड़की पक्ष वालों ने एक पंचायत कर कारी सुफियान द्वारा निकाह पढ़ाने से इनकार करने पर ऐतराज जताय। बाद में कारी सुफियान द्वारा जमा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना ताहिर व मोहल्ले के जिम्मेदार लोगों को बुलाया। जहां पर पहुंचे जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना ताहिर ने कारी सुफियान द्वारा शादी में डीजे बजाने से नाराज होकर निकाह न पढ़ाए जाने की तारीफ की तथा उनका हौसला बढ़ाया।
मौलाना ताहिर ने सभी से अपील की है कि अगर किसी ब्याह शादी में डीजे बजा जाए तो कोई भी निकाह न पढ़ाएं। शादी में बजाए गए डीजे पर दुल्हो तथा बारातियों द्वारा किए गए डांस की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वही शादी में डीजे बजाने के कारण मस्जिद के पेश इमाम द्वारा निकाह नहीं पढ़ाये जाने को हर कोई पेश इमाम की प्रशंसा कर रहा है तथा आगे से ब्याह शादियों में डीजे न बजाने का समर्थन किया जा रहा हैं।