जो किसान का नहीं, वो देश का नहीः जयंत चौधरी

रालोद उपाध्यक्ष ने किसान आंदोलन के लिए हर परिवार से मांगा सहयोग, वोट की चोट से भाजपा का इलाज करने की अपील की।;

Update: 2021-02-25 14:42 GMT

लखीमपुर खीरी। किसान आंदोलन के लिए लगातार उत्तर प्रदेश में किसान पंचायतों का आयोजन कर तीन कृषि कानूनों को वापस करने की लड़ाई लड़ रहे जयंत चौधरी ने काह कि जो सरकार किसानों की नहीं हो सकती है, वह देश का क्या भला कर पायेगीं उन्हों कहा कि किसान इस सरकार और भाजपा के लोगों को आतकवादी नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी किसान कल्याण के नाम पर धोखा देने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं।

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आज सम्पूर्णानगर, लखीमपुर खीरी के पब्लिक इंटर कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय लोकदल के आह्वान पर किसान पंचायत में किसानों के बीच पहुँचे। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन को शुरू से बदनाम करने पर लगी हुई है। किसानों को खालिस्तानी, आतंकी, उपद्रवी कहकर भाजपा ने देश के अन्नदाताओं को अपमानित किया है। दिल्ली और लखनऊ से सरकार जो घोषणा करती है, वो आपके पास नहीं पहुंचता है।


उन्होंने किसानों के योगदान को लेकर कहा कि आपने अपनी मेहनत से जंगलों के बीच से खुद रास्ता बनाया है। ये सरकर किसानों से बड़ी हो गई है। ये हमें बाटने की कोशिश कर रहे हैं। मैं सरकार को कहना चाहता हूं किसानों की पहचान एक है, खून एक है। दिल्ली की सीमाओं पर 3 महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं, मैं इस आंदोलन में शामिल रहने वाले बुजुर्ग किसानों को नमन करता हूं।

गन्ना किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि योगी सरकार ने गन्ने का भाव ना बढ़ाकर किसानों की मेहनत का अपमान किया है। चुनाव के समय 14 दिन में भुगतान करने का वादा करने वाली भाजपा सरकार में 12000 करोड से ज्यादा गन्ना किसानों का भुगतान बकाया है। किसानों की आय दुगुनी का वादा करते हैं लेकिन गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया पेट्रोल डीजल बिजली का दाम दोगुना कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी किसान कल्याण के नाम पर किसानों को ठगने का काम ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी जी किसान समृद्धि आयोग का गठन करते हैं लेकिन इसकी एक भी बैठक नहीं करते हैं। मोदी सरकार द्वारा लाए गए काले कृषि कानूनों से देश का किसान बर्बाद हो जाएगा। जब तक काले कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा।

प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भले ही कोई अब तक मोदी जी को नही समझ पाया हो पर मैं उन्हें समझ गया हूँ। मोदी जी पर एक धुन सवार हैं वो सब कुछ अपने नाम से चाहते हैं जिसके कारण जो सत्तर साल से संस्थाए बनी हैं, सबको खराब करके दोबारा बनाना चाहते हैं लेकिन बंनाने की काबलियत उनमे नही हैं। इसलिए नोटबंदी के समय गरीबों को सपना दिखाया कि अमीरों से लेकर गरीबों में पैसा बाँटा जाएगा। मैं पूछता हूँ क्या नोटबंदी से आज तक किसी को कोई फायदा हुआ?

जयंत चौधरी ने सेना से रिटायर्ड गरमुख सिंह का भी जिक्र किया और कहा कि क्या किसानों के लिए लंगर चलाना गुनाह हैं क्या? और एक सेना का जवान जिसने तीन लड़ाई लड़ी हो वो देश विरोधी हो सकता हैं? साथ ही पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए अपील की कि किसी अनैतिक आदेश को पुलिस के हमारे भाइयों को मानने से इंकार कर देना चाहिए। जयंत चौधरी ने 2010 में मोदी जी द्वारा सुझाई गई रिपोर्ट का भी जिक्र किया और कहा कि जब उस समय मोदी जी डैच् पर कानून के पक्ष में थे तो आज वे विरोध में क्यूँ हैं। क्यूँ एमएसपी को कघनूनी दायरे में नही लाया जाए?

जयंत चौधरी की मौजूदगी में सम्पूर्णानगर, लखीमपुर खीरी की किसान पंचायत में कुछ फैसले लिए गये। जिनमें सरकार से मांग की गयी है कि इस आंदोलन में जो निर्दोष किसान शहीद हुए हैं उनका सम्मान हो। पत्रकारों के विरूद्ध अनैतिक कार्यवाही बंद हो। जब तक तीन कानून वापिस नही होते किसान आंदोलन को बल देने के लिए हर परिवार इस आंदोलन में शामिल होगा। जिस प्रकार से किसानों की राह में लोहे की कंटीली बेरिकेडिंग करने पर इस सरकार से वोट की चोट देकर बदला लिया जायेगा। इसके साथ ही मंडी व्यवस्था में सुधार और कोई भी खरीद एमएसपी से नीचे नही होनी की व्यवस्था लागू करने की मांग भी पंचायत में की गयी है। 

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