मुजफ्फरनगर। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की अदालत ने चर्चित अशोक कुमार हत्याकांड मामले में महत्वपूर्ण आदेश सुनाया है। अदालत ने धारा 319 दं.प्र.सं. का प्रयोग करते हुए चार नए आरोपियों को भी मुकदमे में तलब करने का आदेश दिया है। मामला थाना नई मंडी क्षेत्र का है, जहां वर्ष 2023 में अशोक कुमार की पुत्री संगीता सागर की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। आरोप था कि करोड़ों रुपये की जमीन हड़पने के लिए एक फर्जी वसीयत बनाकर अलमासपुर निवासी अशोक कुमार की हत्या कर दी गई थी। मामले में पहले ललित बालियान व विनय प्रमुख के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।
मुकदमे की पैरोकार वादिनी संगीता सागर ने कोर्ट में दिए अपने बयान में आरोप लगाया कि जमीन कब्जाने की नीयत से हत्या की साजिश रची गई थी। उसने अदालत को बताया कि अजय सैनी षड्यंत्र में शामिल था, जबकि गवाह नील कुमार ने सचिन गुर्जर की हत्या में सीधी संलिप्तता बताई। एक अन्य गवाह पुष्पा ने भी आरोप लगाया कि ललित बालियान, सचिन गुर्जर और विनय प्रमुख ने प्रत्यक्ष हत्या की तथा फर्जी मुखत्यारनामा और वसीयत बनवाकर अशोक कुमार की करोड़ों की जमीन कब्जाने का षड्यंत्र रचा। कोर्ट में अशोक कुमार की दूसरी बेटी पुष्पा ने अपने बयान में आरोप लगाये कि अजय सैनी द्वारा उसके पिता अशोक कुमार की फर्जी वसीयत ललित बालियान, सचिन गुर्जर, विनय प्रमुख, विनोद कुमार मलिक, बाबूराम कश्यप, संजय कुमार शर्मा व विशाल कश्यप से मिलकर तैयार कराई। पुष्पा ने यह भी बताया कि फर्जी वसीयत के आधार पर उसके पिता की सारी जमीन अजय सैनी के नाम आ गई थी, जिसमें से कुछ हिस्सा उसने विनोद मलिक को बेच दिया था। विनोद ने यह जमीन बाबूराम कश्यप को बेच दी थी, बाबूराम ने जमीन पर डग बनाने का काम शुरू कराया तो विवाद खड़ा हो गया था और डग के पास ही अशोक का शव मिला था। कहा गया कि 3 अपै्रल की रात्रि में उनके पिता की हत्या की गई।
संगीता सागर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ठा. दुष्यंत सिंह द्वारा कोर्ट में पैरवी की गई, बताया कि अशोक हत्याकांड में न्यायालय ने साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने अपने आदेश में यह टिप्पणी की है कि जो नाम सामने आये उनमें से कई अभियुक्त एफआईआर में शामिल नहीं हैं, परन्तु गवाही के आधार पर सचिन गुर्जर पुत्र गजे सिंह, अजय सैनी पुत्र सुरेश चन्द सैनी, विशाल कश्यप पुत्र स्व. मांगेराम, संजय कुमार शर्मा पुत्र रामरतन शर्मा की अपराध में भूमिका प्रकट हुई है। न्यायालय ने केस में संगीता सागर का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए सचिन, अजय, विशाल और संजय को धारा 302, 120बी और 506 आईपीसी में समन जारी करते हुए उनके खिलाफ विचारण चलाने का आदेश दिया है। प्रकरण में अगली सुनवाई की तिथि 10 सितम्बर तय की गई है।
डीएम और एसएसपी करा रहे अलग-अलग जांच
मुजफ्फरनगर। करोड़ों की जमीन की फर्जी वसीयत के प्रकरण में मृतक अशोक कुमार की पुत्री संगीता सागर ने बताया कि कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ ही उनके द्वारा इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत कर फर्जी वसीयत कराये जाने और उसके आधार पर भूमि बेचने की जांच कराने की मांग की थी। इसमें शासन ने डीएम को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी थी। डीएम ने एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच दल गठित किया था। उनके साथ एडीएम न्यायिक, एसडीएम सदर और सिटी मजिस्ट्रेट को भी शामिल किया गया, लेकिन करीब छह माह बीत जाने के बाद भी जांच कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर शासन को नहीं भिजवाई हैं, वो इस मामले में जल्द ही डीएम से भी मिलेंगी। वहीं आपराधिक धोखाधड़ी के मामले में संगीता सागर ने परिजनों के साथ मिलकर प्रदेश के डीजीपी को भी शिकायत कर जांच की मांग की थी। इसमें डीजीपी की ओर से एसएसपी को जांच कराकर रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया है। हाल ही में एसएसपी ने प्रकरण की जांच सीओ मंडी राजू कुमार साव को दी है, सीओ प्रकरण में जांच कर रहे हैं। हम उनको साक्ष्य उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे हैं।







