बरेली जा रहे सपा सांसदों को पुलिस ने यूपी बॉर्डर पर रोका, हरेंद्र मलिक ने कहा-तानाशाही पर उतरी योगी सरकार
मुजफ्फरनगर। आई लव मौहम्मद को लेकर जुमे के दिन बरेली में हुए बवाल के बाद पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे समाजवादी पार्टी के सांसदों के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश गेट पर रोके जाने के कारण शनिवार को सियासी पारा चढ़ा नजर आया। बरेली में जनता की समस्याओं को सुनने के लिए जा रहे सपा सांसदों को पुलिस और प्रशासन ने गाजीपुर स्थित यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया। इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। सपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरेंद्र मलिक ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए भाजपा की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बता दें कि बरेली में जुमे की नमाज के दौरान मौलाना तौकीर रजा के द्वारा घोषित प्रदर्शन में शामिल लोगों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के दौरान बवाल हो गया। इसी को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सपा का प्रतिनिधिमंडल मामले में पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए बरेली जा रहा था, लेकिन सपा नेताओं को बॉर्डर पर ही जबरन रोक दिया गया। इससे पहले मुजफ्फरनगर शहर के प्रेमपुरी स्थित सांसद हरेन्द्र मलिक के आवास पर भी पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया था ताकि उनको नजर बंद किया जा सके। यहां पर शहर कोतवाली प्रभारी उमेश रोरिया पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे, लेकिन सपा सांसद हरेन्द्र मलिक पुलिस को चकमा देकर घर से निकल गये थे।
सांसद हरेन्द्र मलिक ने सपा भाजपा सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार एक प्रतिनिधिमंडल को बरेली भेजा जा रहा था, जहां पार्टी के सांसद जनता की समस्याओं को जानने और उठाने जा रहे थे। लेकिन यूपी बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। प्रतिनिधिमंडल में कैराना की सांसद इकरा हसन, रामपुर के सांसद नदवी और खुद हरेंद्र मलिक भी शामिल थे। सभी को यूपी गेट पर पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया, जिस पर हरेंद्र मलिक ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान सांसद हरेन्द्र मलिक की वहां पर तैनात पुलिस कर्मियों के साथ जोरआजमाइश भी हुई।
सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि यह बेहद निंदनीय और अलोकतांत्रिक कृत्य है। भाजपा सरकार लोकतंत्र की आवाज़ को दबा रही है। जनता के मुद्दे उठाना अगर अपराध है तो हम बार-बार यह अपराध करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल जनता की समस्याएं जानने और प्रशासन से उनका समाधान मांगने जा रहा था, लेकिन सरकार को डर है कि उसकी नाकामियां उजागर न हो जाएं। उन्होंने भाजपा सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सीधे तौर पर लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है। सपा सांसद ने चेतावनी दी कि जनता की आवाज़ को रोकने का हर प्रयास समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मिलकर नाकाम करेंगे। हम झुकने वाले नहीं हैं। इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी ने पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में भी आवाज उठाई जाएगी। उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह घटनाक्रम भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष को एक नया मुद्दा दे गया है।