लखीमपुर खीरी- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम पर आयोजित स्मृति प्राकट्योत्सव मेले में शिरकत की। उन्होंने कबीरदास के जीवन पर प्रकाश डाला। जात.पात पर प्रहार करते हुए समाज को एकजुटता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम पर पहुंचे। उन्होंने यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एकजुटता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कबीरदास ने जातीयता पर प्रहार किया। जाति की विसंगितयों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा था कि जात.पात पूछे ना कोईए हरि को भजे सो हरि का होइ। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात.पात देश की गुलामी का कारण रहा था। जाति के नाम पर समाज का विभाजन हुआ था। इस विभाजन से उबारने के लिए उस समय गुरु रामानंद, कबीरदास, रविदास समेत अनेक संतों ने समाज को नई दिशा दी। उनकी वाणी आज भी उतनी ही प्रासांगिक हैए जितना उस समय थी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज भी समाज की आस्था पर प्रहार हो रहे हैं। जातीय आधार पर समाज को विभाजित करने की साजिश हो रही है। कुछ न कुछ ऐसी टिप्पणी होती हैंए जो भारत और भारतीयता को अपमानित करती हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी कमी को दूर करना चाहिए। बीमारी है तो समय रहते उसका उपचार जरूरी है। बीमारी कैंसर बने और असाध्य हो जाए। उसे पहले ही उसे रोकना चाहिए। समाज में जो विसंगतियां और बुराइयां हैं। उनको संतों के माध्यम से दूर करना है। उस मार्ग पर अनुसरण करना हैए जिससे हम सन्मार्ग पर चलकर लोक और राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित हो सकें।

शेख हसीना को ट्रिब्यूनल ने ठहराया मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी, सुनाई मौत की सजा
ढाका- बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मृत्युदंड की सजा मिली है। ढाका में मौजूद अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने यह फैसला सुनाया है। बता दें कि शेख हसीना को पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों में आरोपी बनाया गया है। मामले में सरकारी अभियोजकों ने मृत्युदंड की अपील थी। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे एक मामले पर सोमवार को ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश) की तरफ से फैसला सुनाया गया। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए कहा कि वे अधिकतम सजा की हकदार हैं। इसी के साथ न्यायाधिकरण ने





