Home » Muzaffarnagar » छपार टोल प्लाजा प्रकरण-रंगदारी के मुकदमे में मांगेराम त्यागी को क्लीन चिट!

छपार टोल प्लाजा प्रकरण-रंगदारी के मुकदमे में मांगेराम त्यागी को क्लीन चिट!

सीओर सदर की जांच में रंगदारी और धमकी के आरोपों में निर्दाेष पाए गए त्यागी समाज के नेता, जांच रिपोर्ट को लेकर चर्चा

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर ज़िले में डिप्टी मैनेजर की नृशंस हत्या के कारण चर्चित छपार टोल प्लाजा प्रकरण ने नाटकीय मोड़ ले लिया है। एक ओर जहां राष्ट्रीय लोकदल नेता की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर ने राजनीतिक हलचल मचा दी थी, वहीं अब पुलिस जांच रिपोर्ट ने पूरे मामले की दिशा ही बदल दी है। पुलिस ने त्यागी ब्राह्मण भूमिहार समाज समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी और उनके दो सहयोगियों को आरोपों से मुक्त कर दिया है।
छपार टोल प्लाजा से कथित रूप से रंगदारी मांगने और टोल संचालन में बाधा डालने के आरोपों से घिरे मांगेराम त्यागी, दीपक गुर्जर और प्रमेंद्र को आखिरकार बड़ी राहत मिल गई है। पुलिस जांच में तीनों निर्दाेष पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी।
मालूम हो कि 26 अक्टूबर को बुढ़ाना ब्लॉक के पूर्व प्रमुख विनोद मलिक की तहरीर पर एसएसपी के आदेश के बाद छपार पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया था। विनोद मलिक ने आरोप लगाया था कि मांगेराम त्यागी व उनके दो साथियों ने टोल कर्मियों पर दबाव बनाकर संचालन रोक दिया था, जिससे करीब 15 घंटे तक टोल बंद रहा और लगभग 15 लाख रुपये की राजस्व हानि हुई। शिकायत में यह भी कहा गया था कि टोल को चालू रखने के बदले हर महीने एक लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई और न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
बताया गया है कि एसएसपी ने इस मामले की जांच सीओ सदर डॉ. रविशंकर मिश्रा के निर्देशन में की गई। पुलिस के अनुसार, सभी पक्षों से साक्ष्य और बयानों की जांच की गई, लेकिन मांगेराम त्यागी, दीपक गुर्जर और प्रमेंद्र के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए। इसलिए तीनों को क्लीन चिट दे दी गई है। वहीं, छपार निवासी सचिन त्यागी की भूमिका इस प्रकरण में संदिग्ध पाई गई है, जिसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद मांगेराम त्यागी ने एसएसपी कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन बैकफुट पर नजर आया। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने जांच प्रक्रिया को तेज करते हुए मामले को प्राथमिकता दी और तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और साक्ष्यों पर आधारित रही। किसी भी राजनीतिक या सामाजिक दबाव का असर जांच पर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि सभी तथ्य रिकॉर्ड किए गए हैं, जिनसे स्पष्ट है कि तीनों आरोपित इस मामले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं थे। मांगेराम त्यागी को क्लीन चिट मिलने की खबर से त्यागी समाज और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कई सामाजिक संगठनों ने इसे सत्य की जीत और राजनीतिक षड्यंत्र की हार बताया है। छपार टोल प्लाजा प्रकरण ने जिस तरह से एक गंभीर विवाद का रंग लिया था, अब पुलिस जांच की रिपोर्ट ने उसे एक नई दिशा दे दी है। इस मामले में मांगेराम त्यागी सहित तीन लोगों का निर्दाेष पाया जाना न केवल उनके लिए राहत का विषय है, बल्कि स्थानीय राजनीति में भी इसके दूरगामी असर देखे जा रहे हैं।

एक माह पूर्व की थी शिकायत, मुकदमा दर्ज करने में देरी और अब क्लीन चिट!

मुजफ्फरनगर छपार टोल प्लाजा का ठेका पूर्व प्रमुख और रालोद नेता विनोद मलिक के पास था। यहां पर गांव मोहम्मदपुर मार्डन निवासी दो कर्मचारियों शिव मलिक और शुभम मलिक ने मामूली विवाद होने के बाद 19 अक्टूबर की रात में टोल प्लाजा के डिप्टी मैनेजर चंदौसी निवासी अरविंद पांडे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। दोनों आरोपियों के साथ उनके चार दोस्त भी इसमें शामिल रहे। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसमें टोल ठेकेदार विनोद मलिक ने 22 सितम्बर को एसएसपी संजय वर्मा से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें मांगेराम त्यागी उर्फ सुनील पुत्र हरिशंकर निवासी कुतुबपुर, उनके साथी परविंदर पुत्र राजकुमार और दीपक पुत्र वेद सिंह निवासी बिजोपुरा पर रंगदारी मांगने, धमकी देने और टोल पर कब्जा कर 15 लाख का राजस्व हानि पहुंचाने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही की मांग की थी। एसएसपी ने एसपी सिटी को कार्यवाही के निर्देश जारी किये थे। इसके बाद सीओ सदर से जांच कर आख्या उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। 24 सितम्बर को एसओ छपार को इस निर्देश के साथ कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया था कि शांति व्यवस्था किसी भी स्तर पर खराब न हो और तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जाये। इसी बीच छपार टोल प्लाजा पर कर्मचारियों का धरना चल रहा था। अब 26 अक्टूबर को विनोद मलिक की तहरीर पर मांगेराम, दीपक और परविंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इसी दिन मांगेराम ने मीडिया के सामने आकर चेतावनी दी कि एसएसपी कार्यालय का सर्वसमाज के साथ घेराव होगा। अब खबर आई कि मुकदमे में मांगेराम, दीपक और परविंदर को पुलिस ने क्लीनचिट दी है, जबकि एफआईआर में जिस सचिन का कोई उल्लेख नहीं है, उसकी संलिप्तता पुलिस सूत्र बता रहे हैं। हालांकि सीओ सदर या अन्य पुलिस अधिकारी से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।

Also Read This

वॉलीबॉल खेलते हुए विवाद में युवक की चाकू गोदकर हत्या, आरोपी फरार

मेघाखेड़ी गांव में खेल के दौरान शुरू हुआ झगड़ा खूनखराबे में बदला, पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी मुजफ्फरनगर। खेल के मैदान में हुई छोटी सी कहासुनी ने गुरूवार को एक परिवार की खुशियाँ छीन लीं। शहर के समीप स्थित गांव में वॉलीबॉल खेलने के दौरान हुए मामूली विवाद ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया और एक नवयुवक की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड ने पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा दिया। मुजफ्फरनगर जनपद के थाना नई मंडी क्षेत्र के गांव मेघाखेड़ी में बुधवार शाम उस समय अफरातफरी मच गई जब वॉलीबॉल खेलते हुए हुए विवाद ने जानलेवा रूप ले लिया। खेल के दौरान गांव निवासी

Read More »

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: अब दो साल बाद भी मिलेगी पुरानी गाड़ियों की NOC | लाखों वाहन मालिकों को राहत

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपकी गाड़ी की उम्र पूरी हो चुकी है, तो आपके लिए राहतभरी खबर है। रेखा गुप्ता सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए पुरानी गाड़ियों के लिए NOC (No Objection Certificate) जारी करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। सरकार ने एनओसी आवेदन की एक साल की समय सीमा को फिलहाल खत्म कर दिया है। पहले नियम था कि किसी वाहन की उम्र पूरी होने के बाद केवल एक साल के भीतर ही NOC के लिए आवेदन किया जा सकता था, लेकिन अब यह सीमा समाप्त कर दी गई है। यानी अब ऐसे वाहन मालिक भी एनओसी के लिए आवेदन कर सकते

Read More »

भारत की प्रतिक्रिया: अमेरिका के प्रतिबंधों के बीच रूस से तेल खरीद पर स्पष्ट रुख

अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों को लेकर भारत ने औपचारिक प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इन प्रतिबंधों के प्रभावों का गहन विश्लेषण कर रही है। उन्होंने जोर दिया कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह राष्ट्रीय हितों और 140 करोड़ नागरिकों के लिए सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर आधारित है। 30 अक्टूबर को आयोजित साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में जायसवाल ने कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद नीति व्यावहारिक और स्थिर है। उन्होंने कहा — “हमारी ऊर्जा रणनीति हमेशा बदलते वैश्विक बाजार के अनुरूप तय होती है। हमारा उद्देश्य है कि देश के हर नागरिक

Read More »

पवई आर.ए. स्टूडियो रेस्क्यू: 17 बच्चों को बंधक बना चुके आरोपी रोहित आर्य का एनकाउंटर

पवई के आर.ए. स्टूडियो में गुरुवार दोपहर एक नाटकीय घटना हुई, जब स्टूडियो के एक कर्मचारी ने ऑडिशन के लिए आए बच्चों को बंधक बना लिया। मौके पर 17 बच्चे और दो अन्य वयस्क बंधक बनाए गए थे। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और विस्तार से स्थिति को नियंत्रण में लाने के बाद सभी बंधकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान रोहित आर्य के रूप में हुई। आर्य ने घटना से पहले एक वीडियो जारी करके धमकी भरे संदेश दिए थे और कहा था कि उसकी माँगें धन संबंधी नहीं, बल्कि नैतिक/सवालों से जुड़ी हैं। उसने आग लगाने और बच्चों को नुकसान पहुंचाने की बात

Read More »

कानपुर कचहरी में हंगामा: गिरफ्तारी के दौरान वकील ने दरोगा को थप्पड़ मारा, लॉ स्टूडेंट पर हमले का आरोपी भेजा गया जेल

कानपुर में एक लॉ स्टूडेंट पर हुए जानलेवा हमले के आरोपी वकील को गिरफ्तार करने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी की पहचान बहिष्कृत अधिवक्ता प्रिंस राज श्रीवास्तव के रूप में हुई है। बुधवार को कचहरी परिसर से उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम के साथ आरोपी ने जमकर हाथापाई की। गिरफ्तारी के दौरान वकील ने पुलिस वैन में बैठाने का विरोध किया और इस बीच एक दरोगा को थप्पड़ भी मार दिया। उसने पुलिसकर्मियों पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उन्हें दौड़ा लिया। मौके पर मौजूद अन्य वकीलों ने भी विरोध किया, जिससे कचहरी परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इसे भी पढ़ें:  मुजफ्फरनगर-परचून दुकानदार ने घर में

Read More »