जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर स्थित हज़रतबल दरगाह में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब दरगाह के मुख्य प्रार्थना कक्ष के बाहर लगी पट्टिका पर बने अशोक चिह्न को कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। पत्थरों से लैस भीड़ ने नारेबाज़ी करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक पर हमला किया, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया।
Faith is respected,but the Nation is supreme.
Those who broke the Emblem at Hazratbal have attacked the soul of India. Let it be clear no shrine,no leader,no politics is above the Nation.Era is over when such acts found space,this is Naya Kashmir here,the Nation stands above all pic.twitter.com/8hTvC4Q7Ny— Kamran Ali Mir (@kamranalimir) September 5, 2025
बीजेपी नेता दरख्शां अंद्राबी का कड़ा बयान
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष और बीजेपी नेता दरख्शां अंद्राबी ने इस घटना को आतंकी हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल पत्थरबाज़ी नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं और संविधान के अनुयायियों की भावनाओं पर हमला है। अंद्राबी ने बताया कि इस हमले में उनकी पार्टी का एक प्रशासक बाल-बाल बच गया।
उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों की पहचान होते ही उन्हें आजीवन दरगाह में प्रवेश से प्रतिबंधित किया जाएगा और एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस पर आरोप
अंद्राबी ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के कार्यकर्ता इस कृत्य में शामिल थे। उन्होंने कहा कि एनसी अपने पत्थरबाज़ी वाले पुराने खेल पर लौट आई है। अंद्राबी ने सवाल उठाया कि जो लोग राष्ट्रीय प्रतीक वाले नोट अपनी जेब में रखते हैं, वे अब उसकी अवमानना कैसे कर सकते हैं।
एनसी का पलटवार
वहीं, एनसी के मुख्य प्रवक्ता और ज़दीबल से विधायक तनवीर सादिक ने पलटवार करते हुए कहा कि अंद्राबी को धार्मिक भावनाओं का सम्मान न करने के लिए शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लामी तौहीद (एकेश्वरवाद) के अनुसार, किसी भी धार्मिक स्थल के भीतर मूर्ति रखना उचित नहीं है। उनका कहना था कि हज़रतबल दरगाह एक धार्मिक स्थल है, कोई सरकारी इमारत नहीं, इसलिए यहां मूर्ति या राष्ट्रीय प्रतीक जैसी चीजें नहीं लगाई जानी चाहिए।
हाल ही में हुआ था नवीनीकरण
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में वक्फ बोर्ड ने करोड़ों रुपये की लागत से हज़रतबल दरगाह का नवीनीकरण और सजावट पूरी की थी। इसका उद्घाटन दरख्शां अंद्राबी ने किया था और दावा किया था कि इस पर खर्च की गई रकम किसी से उधार लिए बिना बोर्ड ने खुद वहन की।
शुक्रवार को ईद-ए-मिलाद (पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन) के अवसर पर घाटी भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हज़रतबल दरगाह पहुंचे और धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए।