खतौली। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ताओं ने अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर खतौली तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। सोमवार को एसडीएम से हुई वार्ता विफल रहने के बाद कार्यकर्ताओं ने आंदोलन को तेज करने का एलान किया। किसानों का आरोप है कि उनकी समस्याओं का समाधान प्रशासनिक स्तर पर लगातार टाला जा रहा है, जिससे उन्हें सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ रहा है।
किसानों की प्रमुख मांगों में स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाना, विद्युत विभाग द्वारा रातभर की जा रही छापेमारी बंद करना, बुढ़ाना रोड और बुआड़ा रोड अंडरपास में जलभराव की स्थायी व्यवस्था करना शामिल हैं। इसके साथ ही जल निगम द्वारा गांवों में खोदी गई और टूटी सड़कों को तुरंत दुरुस्त कराने की मांग उठाई गई। किसानों ने तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त करने, खसरा-खतौनी में हो रही गड़बड़ियों को ठीक करने और लेखपाल पर रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग रखी।धरने के दौरान एनसीआर उत्तर प्रदेश प्रभारी कपिल सोम ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। अशोक घटायन ने भी किसानों की समस्याओं को गंभीर बताते हुए प्रशासन को चेताया कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
किसानों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक उनकी सभी 20 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह धरना तहसील परिसर में जारी रहेगा। इससे खतौली में किसान आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है और प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस धरने की अध्यक्षता सुखलाल सिंह नंगली ने की, जबकि संचालन प्रमेंद्र ढाका और सचिन चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। धरने में श्यामपाल चेयरमैन, दीपांकर चौहान, ललित त्यागी, जुल्फिकार छोटा, प्रमोद अहलावत, संजीव राठी, रंधोल राठी, विदेश मोतला और अंकुश प्रधान, राकेश चौधरी सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।







