भाजपा नेता शंकर सिंह उर्फ भोला निवासी कूकड़ा की गाड़ी को आईपीएस सिद्धार्थ मिश्रा द्वारा चैकिंग के दौरान रोकर सीज करने के लिए कह दिया गया
मुजफ्फरनगर। शनिवार को उस वक्त तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ मिश्रा और भाजपा नेताओं के बीच गहरी तकरार के साथ तीखी झड़प हो गई। मामला भाजपा नेता की गाड़ी का चालान करने को लेकर शुरू हुआ और धीरे-धीरे राजनैतिक रंग ले बैठा। भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और भाजपा के एक जिम्मेदार नेता के साथ सरेआम अभद्रता पर रोष जताते हुए कार्यवाही की मांग की।
शहर में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब भाजपा नेता शंकर सिंह उर्फ भोला निवासी कूकड़ा की गाड़ी को आईपीएस सिद्धार्थ मिश्रा द्वारा चैकिंग के दौरान रोकर सीज करने के लिए कह दिया गया। सिद्धार्थ के. मिश्रा जिले में एएसपी के पद पर तैनात हैं और उनको एसएसपी संजय वर्मा द्वारा सीओ सिटी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि घटना रेलवे स्टेशन के पास स्थित गन्ना सोसायटी कार्यालय के बाहर हुई, जहाँ गन्ना पैराई सत्र की तैयारियों को लेकर बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सोसायटी के चेयरमैन पति शंकर सिंह उर्फ भोला भी भाग लेने के लिए पहुंचे थे।
आईपीएस सिद्धार्थ बोले-मैं जिलाध्यक्ष से नहीं, सीएम योगी से बात कराओ
भाजपा नेता भोला सिंह के मुताबिक, वे बैठक में हिस्सा लेने आए थे और गाड़ी उनके चालक ने कार्यालय के बाहर खड़ी की थी। उसी दौरान सीओ सिटी सिद्धार्थ मिश्रा भारी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। पुलिस ने गाड़ी पर लगा भाजपा का झंडा और गन्ना सोसायटी चेयरमैन लिखा देखकर गाड़ी को गैरकानूनी बताते हुए सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। भोला सिंह ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अधिकारियों से झंडा उतरवाने के लिए समय मांगा और गाड़ी को सीज करने के बजाये उनका चालान काटने की बात कही, लेकिन आरोप है कि आईपीएस अधिकारी ने कथित रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जब उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी से बात कराने की कोशिश की तो सिद्धार्थ मिश्रा ने कथित रूप से कहा कि मैं जिलाध्यक्ष से बात नहीं करता, दम है तो सीएम योगी से बात कराओ और सीज करने के लिए जबरदस्ती करने लगे। इसके बाद भोला ने भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजू अहलावत को भी फोन पर सूचित किया।
परिचय दिया तो आईपीएस सिद्धार्थ ने पूछा, गन्ना चेयरमैन क्या होता है?
शंकर सिंह भोला की सूचना के बाद गन्ना समिति तितावी के कार्यालय रेलवे स्टेशन के सामने पहुंचे भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष राजू अहलावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कृसीओ सिटी के पद पर रहते हुए आईपीएस सिद्धार्थ मिश्रा ने पार्टी के सम्मानित जनप्रतिनिधि के साथ अभद्रता की है। एक जिम्मेदारी अधिकारी को यह अधिकार नहीं कि वह इस प्रकार का व्यवहार करे। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की और इसे भाजपा कार्यकर्ताओं के अपमान से जोड़ते हुए कहा कि कार्यकर्ता का सम्मान सर्वोपरि है। राजू अहलावत ने कहा कि शंकर सिंह भोला नए पैराई सत्र की तैयारियों को लेकर सोसायटी पर बैठक में शामिल होने आ रहे थे। इसी बीच रोककर भाजपा का झंडा लगा होने के कारण उनसे अभद्रता की गई। परिचय दिया तो आईपीएस ने पूछा कि गन्ना चेयरमैन क्या होता है, अफसर तमिलनाडु से थोड़े ही आये हैं, जो उनको गन्ने का पता नहीं।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने एसएसपी से की बात, जताई नाराजगी
मौके पर आये भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह भोला के साथ अभद्रता पर नाराजगी जताई, उन्होंने फोन पर ही एसएसपी संजय वर्मा से बात की और कार्यवाही के लिए कहा। कार्यकर्ताओं को भरोसा दिया कि उनके सम्मान से समझौता नहीं होगा, वो शीर्ष नेतृत्व को भी इससे अवगत करायेंगे। इस दौरान जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी के साथ शंकर सिंह भोला, राजू अहलातव, भाजपा अनुसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष अजय सागर, सभासद प्रशांत गौतम, शोभित गुप्ता, नई मंडी मंडल अध्यक्ष प्रवीण खेड़ा सहित भाजपा के अन्य सैंकड़ों कार्यकर्ता और गन्ना सोसायटी तितावी के संचालक भी मौजूद रहे। बता दें कि इससे पहले भी कई बार पुलिस और भाजपा नेताओं का टकराव हो चुका है। भाजपा एससी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष अजय सागर के साथ वाहन चैकिंग में अभद्रता पर हंगामा हुआ, समझौता कराने में हनुमत मंडल के अध्यक्ष दीपक मित्तल से दरोगा जी ने रिश्वत में एसी मांगा, हंगामा हुआ। असलाह तस्कर गिरोह के गुडवर्क में भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अमित राठी का नाम एफआईआर में शामिल किया, बुढ़ाना में लूट की घटना में भाजपा नेता के भतीजे के हाफ एनकाउंटर को भाजपा नेताओं ने फर्जी बताकर पुलिस के खिलाफ हंगामा किया और अब भाजपा नेता शंकर सिंह भोला के साथ सीधे एएसपी का टकराव हुआ।
तीन दिन की छुट्टी पर गये आईपीएस सिद्धार्थ, कहा-हूटर पर चालान काटा
जनपद में एएसपी पद पर तैनात सीओ सिटी आईपीएस सिद्धार्थ के. मिश्रा ने भाजपा नेताओं के आरोपों को नकारते हुए कहा कि कोई अभद्रता नहीं की गई और न ही गाड़ी सीज की। कहा कि एसएसपी के आदेश पर वो रेलवे स्टेशन के पास वाहन चैकिंग कर रहे थे, इसी बीच भाजपा का झंडा लगी गाड़ी आई, उस पर हूटर लगा हुआ था, जो गैर कानूनी होने के कारण उन्होंने उसको उतरवाने के लिए गाड़ी रोकी थी। पता चला कि कार में सवार व्यक्ति शंकर सिंह भोला, जिन्होंने खुद को गन्ना सोसायटी तितावी का चेयरमैन बताया, जानकारी करने पर पता चला कि चेयरमैन तो उनकी पत्नी ज्योति हैं। उन्होंने हूटर हटवाने के साथ ही उसका चालान किया है, गाड़ी सीज नहीं की। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण के बीच ही सिद्धार्थ के. मिश्रा तीन दिन के अवकाश पर चले गये हैं।
26 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा को क्रेक किया
सिद्धार्थ के. मिश्रा साल 2023 बैच के आईपीएस अफसर हैं, उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बी. टेक किया है। वो गौतमबुद्धनगर के निवासी मनोज कुमार मिश्रा के पुत्र हैं और प्रारम्भिक शिक्षा जनपद गाजियाबाद में प्राप्त की। इंजीनियर बनने के साथ ही यूपीएससी परीक्षा को क्रेक कर सिविल सर्विस में आना उनका सपना था। इसके लिए सिद्धार्थ ने चार बार परीक्षा दी और चौथे प्रयास में वो चयनित हुए। साल 2022 में आये परीक्षा परिणाम में सिद्धार्थ ने ऑल इंडिया 106 रैंक प्राप्त की। इस परीक्षा में उन्होंने कुल 994 अंक प्राप्त किये थे। इसमें 818 मुख्य परीक्षा में मिले और 176 अंक साक्षात्कार में मिले। सिद्धार्थ मिश्रा को 31 जुलाई 2023 में आईपीएस कैडर ज्वाइन कराया गया। उन्होंने मात्र 26 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा को क्रेक किया। वो 2056 तक आईपीएस अफसर के रूप में यूपी पुलिस सेवा में कार्यरत रहेंगे। अकादमी ट्रेनिंग के बाद उनको एएसपी के पद पर 26 जुलाई 2025 को मुजफ्फरनगर में तैनात किया गया।