नगरपालिका परिषद् के जेई जलकल धर्मवीर सिंह के पैन कार्ड पर बना ली छह फर्जी फर्म, ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर हो रहा बिजनेस
मुजफ्फरनगर। जनपद में साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है, जिसमें ठगों ने नगरपालिका परिषद् के जलकल विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर की पहचान का दुरुपयोग करते हुए उनके दस्तावेज पर छह फर्जी कंपनियों का पंजीकरण कर डाला। ये फर्में ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर कारोबार दिखा रही हैं, जबकि हकीकत में यह सब एक संगठित साइबर ठगी का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। जेई ने इस संबंध में संबंधित थाने से लेकर एसएसपी कार्यालय तक शिकायती पत्र भेजे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। पीड़ित जेई का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो इन फर्मों का इस्तेमाल किसी बड़े आर्थिक अपराध में भी किया जा सकता है।
एक सरकारी अधिकारी के नाम और पहचान का दुरुपयोग करते हुए फर्जी फर्म बनाकर उनके नाम से ऑनलाइन शॉपिंग का एक बड़ा बाजार खड़ा कर दिया गया। इसमें लोगों को लुभावने ऑफर के सहारे आकर्षिक किया जा रहा है और एडवांस बुकिंग के नाम पर पैसा जमा कराकर ठगी की जा रही है। नलकूप विभाग में अवर अभियंता धर्मवीर सिंह नगर पालिका परिषद् में भी जलकल विभाग में जेई के पद पर कार्यरत हैं। सूत्रों के अनुसार उनकी पहचान से खिलवाड़ करते हुए ऑनलाइन कारोबार करते हुए ठगी करने का मामला सामने आया है।
पालिका के जलकल विभाग के जेई धर्मवीर सिंह को उनके नाम पर हो रहे ऑनलाइन शॉपिंग के कारोबार की जानकारी मिली तो उनके होश ही उड़ गये। पिछले दिनों जेई धर्मवीर सिंह के पास एक अंजान नम्बर से कॉल आई और फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वो उनके ऑनलाइन शॉपिंग फर्म से कुछ सामान खरीदना चाहते हैं और कैश ऑन डिलीवरी के आधार पर वो भुगतान करेंगे, तो यह सुनकर जेई चौंक गये। जेई ने फोन करने वाले से ऐसे किसी भी कारोबार में शामिल होने से इंकार किया तो कॉलर ने बताया कि उसको उनका नम्बर उसी ऑनलाइन शॉपिंग फर्म से ही मिला है।
कॉलर से जैसे तैसे जेई धर्मवीर ने पीछा तो छुड़ा लिया, लेकिन यह फोन कॉल उनकी नींद उड़ाने वाली साबित हो गई। उन्होंने तत्काल ही अपने अधिवक्ता से सम्पर्क कर सारी बता बताई तो अधिवक्ता ने उनके पैन कार्ड के नम्बर की जांच की, इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि उनके पैन नम्बर पर जीएसटी विभाग में छह फर्मों का पंजीकरण कराते हुए ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार किया जा रहा है। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि इनमें से चार फर्म को कुछ दिन पहले ही बंद किया गया है, जबकि दो फर्म ऑनलाइन शॉपिंग के कारोबार में अभी भी एक्टिव हैं, जो उनकी पहचान के आधार पर ही पंजीकृत हैं और उनका ही फोन नम्बर भी ऑनलाइन डिटेल में अंकित किया गया है। इसमें साइबर फ्रॉड होने की आशंका को देखते हुए जेई धर्मवीर ने तत्काल ही खालापार थाना प्रभारी महावीर सिंह से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। थाने पर कोई मुकदमा नहीं होने पर वो एसएसपी से कार्यालय में मिले और सारी बात बताते हुए प्रार्थना पत्र दिया, एसएसपी ने उनकी शिकायत को साइबर थाने के लिए रैफर कर दी, लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से जेई धर्मवीर परेशान हैं। उनके नाम पर ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनी अभी भी चल रही है। बताया गया कि यह कंपनी लोगों को बाजार से सस्ते प्रोडक्ट देने का दावा कर लालच में फंसाती है और भुगतान के रूप में कुछ रकम एडवांस देने पर ही प्रोडक्ट देने की बात कर रही है। जो लोग पैसा एडवांस देते हैं, वो इनका शिकार बनकर रह जाते हैं।