मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की सड़कों पर दो पहिया वाहन लेकर अब हेलमेट के बिना निकलना सिर्फ जान का खतरा नहीं, बल्कि जेब पर भी भारी पड़ने लगा है। योगी सरकार के निर्देश पर शुरू हुए नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान ने शहर में दो पहिया वाहन चालकों पर पुलिसिया सख्ती का नया दौर शुरू कर दिया है। सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यातायात पुलिस ने पेट्रोल पंपों पर पहुंचकर कर्मचारियों को चेतायाकृकि अभियान का समर्थन करें और वाहन चालकों को भी सख्त हिदायत दी कि अब बिना हेलमेट के न पेट्रोल मिलेगा, न ही कार्यवाही में कोई रियायत दी जायेगी। परिवहन और यातायात पुलिस विभाग के द्वारा अभियान के दो दिन के भीतर 40 से अधिक दोपहिया वाहन चालकों के चालान काटते हुए यह संदेश दिया गया कि इस बार अभियान कोई खानापूरी नहीं, बल्कि आदत सुधारने के लिए चलाया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर में भी 1 सितंबर से 30 सितंबर तक नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान की शुरुआत की गई है। इस विशेष अभियान का उद्देश्य दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करना और सड़क हादसों में कमी लाना है। अभियान की शुरूआत में एक सितम्बर को एआरटीओ प्रवर्तन सुशील मिश्रा ने पेट्रोल पम्पों का निरीक्षण किया था और बिना हेलमेट के आये 15 दो पहिया वाहन चालकों के चालान काटे गये थे।
अभियान की गंभीरता को देखते हुए एसपी ट्रैफिक अतुल चोबे ने अपनी टीम को सख्त निर्देश जारी किए हैं। दूसरे दिन मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने टिकैत चौक स्थित पेट्रोल पंप का निरीक्षण किया, जहाँ 25 वाहन चालकों को बिना हेलमेट पेट्रोल भरवाते पकड़ा गया। सभी का मौके पर चालान काटा गया। यह कार्यवाही करने वाले यातायात पुलिस के हेड कांस्टेबल संदीप चौधरी ने बताया कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी।
दूसरी ओर एसएसपी संजय वर्मा के निर्देश पर पुलिस ने भी इस अभियान को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। शहर कोतवाली के अन्तर्गत शामली स्टैंड चौकी इंचार्ज एसआई देवपाल सिंह ने पुलिस कर्मियों के साथ भी पेट्रोल पंपों पर चेकिंग अभियान चलाया और पंप मालिकों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि बिना हेलमेट किसी को पेट्रोल न दिया जाए। साथ ही पेट्रोल भरवाने आए दोपहिया चालकों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक भी किया गया।
एसपी ट्रैफिक अतुल चोबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हेलमेट पहनना सिर्फ कानून का पालन नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का तरीका है। बिना हेलमेट वाहन चलाना न केवल खुद की, बल्कि दूसरों की जान के लिए भी जोखिम है। उन्होंने बताया कि यह अभियान 30 सितम्बर तक लगातार जारी रहेगा और आने वाले दिनों में पेट्रोल पंपों व प्रमुख सड़कों पर निगरानी और सख्त की जाएगी। भारत में हर वर्ष हजारों लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत होती है, जिनमें से बड़ी संख्या दोपहिया वाहन चालकों की होती है। आंकड़ों के अनुसार, अधिकतर मौतें हेलमेट न पहनने की वजह से होती हैं। ऐसे में यह अभियान न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा, बल्कि जनमानस में सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।