आरएसएस शताब्दी वर्ष पर पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने किया पथ-संचलन, लोगों ने स्वयंसेवकों पर बरसाये फूल
मुजफ्फरनगर। विजयादशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ;आरएसएसद्ध के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार सुबह वसुंधरा रेजीडेंसी में संघ की वासुदेव शाखा द्वारा पथ-संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने स्वयंसेवकों के अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति से अभिभूत होते हुए आरएसएस के सौ वर्ष पूर्ण होने पर हर्ष व्यक्त किया।

कार्यक्रम की शुरुआत आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि के साथ हुई। इसके पश्चात शाखा के स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में ढोल-नगाड़ों के साथ शस्त्रों सहित पथ-संचलन किया। स्थानीय नागरिकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। इस दौरान वातावरण ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों से गुंजायमान रहा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. संजीव बालियान ने कहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में विजयादशमी का यह आयोजन विशेष महत्व रखता है। यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक चेतना है जो राष्ट्र निर्माण की भावना को निरंतर प्रज्वलित करती है। आज जिन युवाओं ने अनुशासन के साथ पथ-संचलन किया, वे आने वाले भारत के सशक्त स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि संघ ने पिछले सौ वर्षों में समाज सेवा, शिक्षा, आपदा राहत और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं, वे भारत की आत्मा को मजबूत करने वाले प्रयास हैं। आज भारत वैश्विक पटल पर आत्मविश्वास से खड़ा है, इसमें संघ की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। पथ-संचलन कार्यक्रम में वसुंधरा रेजीडेंसी के सैकड़ों निवासी बालक, युवा और वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। लोगों ने अपने घरों से तिरंगे लहराए और बालकों ने ‘जय श्री राम’ के नारों से माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। स्थानीय नागरिकों ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन नई पीढ़ी को संस्कृति, अनुशासन और सेवा की प्रेरणा देता है।






