मूसलधार बारिश ने गांवों से लेकर शहर तक जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं मकानों की दीवारें ढह रही हैं, तो कहीं खेत पानी में डूब गए
मुजफ्फरनगर। रविवार की रात से लगातार बरस रहे बादलों ने मुज़फ्फरनगर जनपद को मानो जलसंकट में डाल दिया है। करीब चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने गांवों से लेकर शहर तक जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं मकानों की दीवारें ढह रही हैं, तो कहीं खेत पानी में डूब गए हैं। किसानों की मेहनत चौपट हो गई और शहर की गलियां व बस्तियां भी पानी-पानी हो चुकी हैं। गुरूवार को एक गांव से गुजर रही नहर ने पटरी को काट दिया और पानी किसानों की खड़ी फसल को जलमग्न कर गया।
पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनपद के लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। ग्रामीण इलाकों में करीब तीन दर्जन मकानों की छत और दीवारें गिरने से गरीब परिवार बेघर हो गए। कीचड़ और गिरे मलबे के बीच लोग अपने परिवार और सामान को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं। कई गांवों में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है।
शहर की बस्तियों का भी बुरा हाल है। जगह-जगह जलभराव से गंदगी और दुर्गंध फैलने लगी है। नालियां उफान पर हैं और सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं। छोटे-छोटे बच्चे व बुजुर्गों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। चरथावल थाना क्षेत्र के नगला राई गांव के पास हालात और गंभीर हो गए जब नहर पटरी टूटने से किसानों की फसलें जलमग्न हो गईं। धान, गन्ना और अन्य खड़ी फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सूचना पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) युवा जिलाउपाध्यक्ष समद चौधरी मौके पर पहुंचे और मौके का जायजा लिया। उन्होंने दूरभाष पर संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे किसानों में आक्रोश और चिंता दोनों गहराई से बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पानी की निकासी के तुरंत इंतज़ाम नहीं किए गए तो स्थिति और भयावह हो सकती है। वहीं प्रभावित लोग सरकार और प्रशासन से तत्काल राहत व मुआवज़े की मांग कर रहे हैं।