सुल्तानपुर: “अर्थी निकालनी है तो सरकार की निकालो, योगी जी की निकालो, सीएमएस या सीएमओ की क्यों?” — यह विवादित बयान देने वाले सौ बेड वाले बिरसिंहपुर अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद को अब उनके पद से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई राज्यपाल के निर्देश पर की गई है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित कुमार घोष ने उनके निलंबन का आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि डॉ. भास्कर ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री के संबंध में अमर्यादित एवं आपत्तिजनक टिप्पणी की।
निलंबन आदेश में यह भी उल्लेख है कि उनके कार्यकाल में अस्पताल में भर्ती मरीजों को बाहर से दवाएं लिखी जा रही थीं, जो गंभीर लापरवाही है। इस आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए एडी स्वास्थ्य कार्यालय, अयोध्या से सम्बद्ध किया गया है।
इसी बीच, भाजपा मंडल अध्यक्ष शोभनाथ यादव की तहरीर पर जयसिंहपुर कोतवाली में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शोभनाथ यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि बिरसिंहपुर अस्पताल में पहुंचे थे। वहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति और दवाओं की कमी पर सवाल उठाए गए। उसी दौरान सीएमएस भास्कर प्रसाद ने कथित रूप से कहा कि “सीएमओ या सीएमएस का नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री और सरकार का पुतला फूंकना चाहिए।”
शिकायत में यह भी आरोप है कि उन्होंने सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ अपशब्द कहे, जो धीमी आवाज में बोले गए थे और वीडियो में रिकॉर्ड नहीं हो पाए। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे स्थानीय राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
घटना के बाद क्षेत्र में आम जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। विधायक राज प्रसाद उपाध्याय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद यह निलंबन आदेश जारी हुआ।







