मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार द्वारा किसानों को सौगात के रूप में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी का दावा करते हुए इसकी घोषणा करने को लेकर किसान संगठनों में नाराजगी दिख रही है। किसान संगठनों की ओर से सरकार की इस घोषणा को किसानों के साथ धोखा बताया गया है।
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि सरकार ने किसानों को सौगात देते हुए खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए एमएसपी में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसमें दाल, धान और दलहन की फसलों के दामों में भारी बढ़ोतरी कर किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। पिछले 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इन दावों को लेकर किसान संगठनों में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने इसके लिए कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा खरीफ के फसलों के भाव में बढ़ोतरी की गई है, जिसे एमएसपी का नाम देकर प्रचारित किया जा रहा है। कहा कि देश का किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार गारंटी कानून न बनाकर उसे एमएसपी जैसे मुद्दे पर भ्रमित कर रही है। जब तक इसे कानूनी रूप से देश में लागू नहीं किया जाएगा, तब तक देश के किसान का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल से पोस्ट करते हुए कुछ तस्वीरें साझा करते हुए इनको लेकर कहा है कि यह तीन सारणी न्यूनतम समर्थन मूल्य को परिभाषित करने के लिए काफी हैं। 2004 से 2014 तक दस साल में कितना भाव बढ़ा और 2014 से 2025-26 के अंतराल में भाव में बढ़ोतरी कोई अप्रत्याशित नहीं है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसान की धरातल स्थिति को देखकर आर्थिक संकट से गुजर रहे देश के ग्रामीण खेती वर्ग को बचाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटी कानून बनाने का काम करें।
भाकियू अराजनीति के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने भी इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट की है, जिसमें कहा गया कि भारत सरकार द्वारा खरीफ 2025-26 का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया गया है, इस मूल्य बढ़ोतरी को सी2$50 के आधार पर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि यह घोषणा सी2$50 के आधार पर नहीं है। उन्होंने भी कुछ फोटो पोस्ट करते हुए इनके हवाले से कहा कि एक फोटो में देख सकते हैं कि अगर मूल्य सी2$50 के आधार पर तय होता तो एमएसपी कितना होता। उन्होंने कहा कि किसान पुत्रों आपको इस तरह के विषयों पर समझ रखना जरूरी है और आपकी प्रतिक्रिया भी जरूरी है, आप इस तरह के विषयो पर विश्लेषण करना सीखो, कहा कि जहां बात किसान की होगी तो हमारी प्राथमिकता किसान है।