मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर जनपद में तहसील एवं थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार से अवगत कराया। धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि थानाध्यक्ष उपजिलाधिकारी के फोन पर भी घटना स्थल पर नहीं पहुंचेते हैं। जनता का फोन थानाध्यक्ष रतनपुरी उठाते नहीं है। यही हाल सभी थानों का है। कहा कि किसान अगर अपने खेत से अपने प्रयोग के लिए मिट्टी उठाता है तो इस पर जुर्माना होता है लेकिन अगर दलालों के माध्यम से खनन होता है तो कोई कार्यवाही नहीं होती। दोनों अधिकारियों से जनपद में कानून का राज स्थापित करने की मांग करते हुए एक लिखित पत्र सबूतों के साथ देते हुए कार्यवाही की मांग की है।
भाकियू अराजनैतिक की ओर से डीएम उमेश मिश्रा को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम समौली में अवैध खनन पुलिस, प्रशासन, दलालों की मिलीभगत से जोरों पर है। ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने के बाद तहसीलदार खतौली 28 मार्च को रात्रि में मौके पर पहुंची लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। तहसीलदार के मौके पर पहुंचने की वीडियो भी मौजूद है। इसके बाद कुछ लोगों की खनन के नाम पर अवैध वसूली करते हुए वीडियो वायरल हुआ, लेकिन प्रशासन द्वारा इसका भी कोई स्वतः संज्ञान नहीं लिया गया। ग्रामीणों ने 10 अप्रैल की रात्रि में खनन की जानकारी देने हेतु थाना रतनपुरी को रात्रि में फोन किए गए लेकिन थानाध्यक्ष रतनपुरी द्वारा फोन नहीं उठाया गया। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा उपजिलाधिकारी खतौली को फ़ोन पर सूचना दी गई उन्होंने पुलिस भेजने का आश्वाशन दिया। कोई कार्यवाही नहीं हुई। धर्मेन्द्र मलिक ने एसडीएम खतौली और सीओ बुढ़ाना को भी फोन पर सूचना दी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। एसडीएम और सीओ भी खनन माफियाओं के आगे असमर्थ नजर आ रहे हैं। उन्होंने इस मामले में एसएसपी को भी प्रार्थना पत्र दिया और थानाध्यक्ष रतनपुरी की कार्यप्रणाली को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।






