देवबन्द श्री दिगम्बर पारसनाथ जैन मन्दिर जी सरागवाड़ा मे आचार्य श्री 108 अरूण सागर जी महाराज के सान्धिय मे व अन्य तीनों जैन मंदिरों में भक्तजनों द्वारा श्री जी का अभिषेक , शांतिधारा ,नित्य-नियम पूजा ,दशलक्षण पूजा करके दशलक्षण पर्व का पाचवां दिन उत्तम सत्य के रूप मे मनाया गया। इसी कडी मे श्री दिगम्बर पारसनाथ जैन मन्दिर जी सरागवड़ा मे महाराज श्री के सान्धिय मे दशलक्षण पर्व मे तत्वार्थ सूत्र विधान चल रहा है। उसी क्रम मे पर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म पर तत्वार्थ सूत्र विधान के पांचवे अध्याय के 42 अर्ध चढा़ये गये। इससे पूर्व श्री जी की शांतिधारा का सौभाग्य स्वाधाय मण्डल को प्राप्त हुआ। उत्तम सत्य धर्म पर महारज श्री ने तत्त्वार्थ सूत्र के पांचवे अध्याय व उत्तम सत्य धर्म पर प्रवचन किये। उन्होने प्रवचन मे बताया की तत्वार्थ सूत्र का पाँचवाँ अध्याय मुख्य रूप से अजीव द्रव्यों के बारे में है, जिसमें धर्म, अधर्म, आकाश, और पुद्गल द्रव्य के गुणधर्म, लक्षण, भेद और संख्या का विस्तृत वर्णन है. यह अध्याय हमें ये बताता है कि ये निर्जीव पदार्थ (अजीव) किस प्रकार काम करते हैं और ब्रह्मांड में उनकी क्या भूमिका है, खासकर पुद्गल द्रव्य (जो रूपी पदार्थ हैं) के गुणों पर विस्तार से चर्चा की ।
अजीव द्रव्य का वर्णन:
धर्म, अधर्म, और आकाश द्रव्य: इस अध्याय में धर्म (गति सहायक), अधर्म (स्थिति सहायक), और आकाश द्रव्य के बारे में बताया गया है, जिसमें इनके प्रदेशों की संख्या और गुण बताए गए हैं।
पुद्गल द्रव्य: यह अध्याय पुद्गल द्रव्य के लक्षण और भेद पर विशेष जोर देता है, जो रूपी (रंग, गंध, स्वाद, स्पर्श वाले) पदार्थ होते हैं. इसमें पुद्गल के विभिन्न भेदों जैसे अनु और स्कंध का वर्णन भी किया गया है। उन्होने उत्तम सत्य धर्म पर कहा की सत्य बोलो और धर्म का आचरण करो। क्रोध, लोभ, भय और हंसी-मजाक आदि के कारण ही झूठ बोला जाता है। जहां न झूठ बोला जाता है, न ही झूठा व्यवहार किया जाता है, वही लोकहित का सत्य धर्म होता है। जिस प्रकार नहाने से शरीर साफ होता है, वैसे ही सत्य बोलने से मन साफ होता है। साबुन से वस्त्र स्वच्छ होता है। वैसे ही वाणी सत्य से निर्मल होती है।
सम्पूर्ण धर्म सत्य पर आधारित है। सत्य हर आत्मा में मौजूद है, लेकिन सत्य की परिपूर्णता परमात्मा है। सत्य आत्मा की आवाज से इसलिए कहा जाता है सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं होता है।
इस विधान मे अजय जैन , सुनिल जैन ,सुदेश जैन ,अंकित जैन ,अनुज जैन ,डां पारस जैन , अनुज जैन ,संजिव जैन ,विजेन्द्र जैन , पारूल जैन , उर्वशी जैन , बबिता जैन ,पुनम जैन ,नुतन जैन ,उर्मिला जैन ,अन्नू जैन ,निलिमा जैन सहित समस्त जैन समाज उपस्थित रहा।