एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कृष्ण गोपाल पर लगाये गभीर आरोप, कहा ब्लैकमेलिंग, चंदा वसूली और कालाबाजारी में लिप्त हैं व्यापारी नेता, कर रहे समाज का उत्पीड़न
मुजफ्फरनगर। उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ शहर में मावा व्यापारियों और आढ़तियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। शुक्रवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में मावा आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने व्यापारी नेता कृष्णगोपाल मित्तल पर गंभीर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि वह व्यापारी हितैषी नहीं, बल्कि शोषणकर्ता बन चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कृष्णगोपाल व्यापारियों से जबरन चंदा वसूलते हैं, मानसिक और आर्थिक दबाव बनाकर ब्लैकमेलिंग करते हैं और अवैध तरीके से साहूकारी कर रहे हैं। कोयला का कारोबार करने वाले व्यापारी नेता पर कई बड़े मामलों में दलाली करने के आरोप भी लगाये गये हैं।
शहर के एक रेस्टोरेंट में मावा आड़त एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता में पष्ट चेतावनी दी कि यदि उत्पीड़न और अवैध गतिविधियां नहीं रुकीं तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे और कृष्णगोपाल मित्तल की कथित कालाबाजारी की पोल समाज के सामने खोलेंगे। मावा व्यापारियों का यह विरोध उस समय और तेज हो गया जब फक्करशाह चौक पर प्रशासन ने हाल ही में 140 किलो मावा जब्त किया। एसोसिएशन का कहना है कि जांच रिपोर्ट में मावा लगभग मानकों के अनुरूप पाया गया है। फैट की मात्रा 27.8 प्रतिशत रही जबकि मानक 30 प्रतिशत है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा मावा नष्ट करने की जिद को व्यापारियों ने पक्षपातपूर्ण और किसी के दबाव में उठाया गया कदम बताया। हालांकि एसडीएम मुख्यालय निकिता शर्मा के नेतृत्व में शुक्रवार की शाम को ही जब्त किया गया मावा सहायक आयुक्त खाद्य अर्चना धीरान ने पूरी टीम के साथ नष्ट कराया। उनका दावा है कि मावा का जो सैम्पल लैब में जांच के लिए भेजा गया था, वो अधोमानक पाया गया है।
वहीं प्रेस वार्ता में मावा आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि कृष्णगोपाल मित्तल बिना किसी वैध लाइसेंस के जरूरतमंद व्यापारियों को ऊँचे ब्याज पर )ण देते हैं और फिर मनमर्जी वसूली के लिए उन पर मानसिक दबाव बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। उन्होंने कहा कि कृष्णगोपाल वैश्य समाज की राजनीति करते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा उत्पीड़न भी उसी समाज के व्यापारियों का करते हैं। मावा आढ़ती एसोसिएशन ने प्रशासन से मांग की है कि कृष्णगोपाल मित्तल की गतिविधियों की निष्पक्ष जांच की जाए और यदि आरोप सही पाए जाएं तो कड़ी कार्रवाई की जाए। पदाधिकारियों ने चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो व्यापारी वर्ग आंदोलन के लिए बाध्य होगा। सुनील सिंघल, दिनेश बंसल, अनिल तायल, पवन तायल, रविन्द्र कुमार, राजेश मित्तल, सचिन मित्तल, मुकेश तायल, नितिन गुप्ता, मांगेराम सिंघल, राजकुमार सिंघल, हरीश सिंघल, राकेश गर्ग, प्रवीण पीटर, प्रवीण गोयल, अनुज, जगपाल सिंह, श्याम कुमार गर्ग, पूरण तायल, मोनू तायल, राकेश, संजीव तायल, मुकेश जैन आदि।







