52 हजार बकायादारों और बिजली चोरी के प्रकरणों से 192 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य, 28 फरवरी तक तीन चरणों में चलेगा अभियान
मुजफ्फरनगर। जिले में बिजली बिल बकायादारों को राहत देने और राजस्व वसूली तेज करने के उद्देश्य से विद्युत विभाग ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी छूट योजना की शुरुआत कर दी है। सोमवार से जिले के सभी विद्युत उपकेंद्रों पर शिविर लगाकर उपभोक्ताओं का पंजीकरण प्रारंभ किया गया। विभाग ने बताया कि इस अभियान के तहत लगभग 52 हजार बकायादारों तथा बिजली चोरी के से कुल 192 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली सुनिश्चित की जा रही है। यह विशेष अभियान 28 फरवरी तक तीन चरणों में संचालित होगा।
विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता विनोद कुमार गुप्ता ने एकमुश्त समाधान योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं के लिए अत्यंत लाभकारी अवसर है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए इस तरह की शानदार योजना कभी-कभी आती है। बकायादार उपभोक्ता इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं। यदि अभी भी उदासीन बने रहे, तो बाद में पछताने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। मुख्य अभियंता ने बताया कि राहत योजना के तहत बकायादारों को सरचार्ज पर 100 प्रतिशत छूट तथा मूलधन पर 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त उपभोक्ताओं को आसान किस्तों में बकाया जमा करने की भी सुविधा दी गई है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे जल्द से जल्द शिविरों में पहुंचकर अपना पंजीकरण कराएं और लाभ उठाएं।

सोमवार को राहत योजना का आगाज होते ही जनपद के अधिकांश विद्युत उपकेंद्रों तथा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी पंजीकरण शिविर शुरू कर दिए गए। शामली रोड ईदगाह उपकेंद्र, महावीर चौक विद्युत उपकेंद्र, स्टेडियम विद्युत उपकेंद्र, 66 केवी विद्युत उपकेंद्र, शेरनगर सचिवालय के सुजड़ू पुल वाली मस्जिद के पास तथा जिले के अन्य सभी विद्युत उपकेंद्रों पर विशेष रूप से शिविर लगाये गये। सोमवार को इन सभी केंद्रों पर बड़ी संख्या में उपभोक्ता पंजीकरण कराने पहुंचे।
यह अभियान दो किलोवाट घरेलू और एक किलोवाट कॉमर्शियल कनेक्शन के उपभोक्ताओं के लिए चलाया जा रहा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार मुजफ्फरनगर जोन में 35,688 बकायादार उपभोक्ता योजना से लाभान्वित होंगे। इन उपभोक्ताओं पर कुल 112.95 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें 65.27 करोड़ रुपये मूलधन तथा 47.68 करोड़ रुपये विद्युत अधिभार शामिल है। वहीं चोरी के प्रकरणों में 16,385 उपभोक्ताओं के पास भी बकाया जमा कर राहत पाने का स्वर्णिम अवसर है। इन मामलों में कुल 78.79 करोड़ रुपये का राजस्व निर्धारण किया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया कि योजना के पहले चरण में पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ताओं को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। इसके बाद वाले चरणों में छूट का प्रतिशत क्रमशः कम होता जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अभियान के माध्यम से बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को तत्काल राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे विभाग के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।






