गोरखपुर। अंबुज हत्याकांड में पुलिस पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपी आयुष सिंह ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आयुष ने बताया कि उसने अपने दोस्त अंबुज की हत्या पैसों के विवाद में की थी। उसके अनुसार, कुछ समय पहले अंबुज ने उसे 40 हजार रुपये में अवैध पिस्टल दी थी, जो खराब निकली। जब उसने पैसे वापस मांगे तो दोनों में विवाद इतना बढ़ा कि मामला हमले तक पहुंच गया।
आयुष ने कबूल किया कि वह एक मांगलिक कार्यक्रम के बहाने अंबुज को अपने साथ ले गया। रास्ते में स्पोर्ट्स कॉलेज के पास उन्होंने शराब पी और पैसे को लेकर बहस होने लगी। आरोप के अनुसार, आयुष और उसके दो दोस्तों ने बेसबॉल और डंडों से अंबुज को बुरी तरह पीटा। हमले में अंबुज अचेत हो गया और आयुष ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
कबूलनामे में आयुष ने बताया कि हत्या के बाद उसने शव की पहचान मिटाने की कोशिश की। अंबुज के कपड़े उतारकर, हाथ में बंधा रक्षा सूत्र हटाकर और दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली काटकर अलग कर दी, जिसमें उसकी अंगूठी थी। इसके बाद कार में शव रखकर आरोपी महराजगंज जिले पहुंचा और श्यामदेउरवां क्षेत्र में नहर के किनारे झाड़ियों में अंबुज का सिर फेंका। करीब 10 किलोमीटर दूर उसके शरीर का बाकी हिस्सा भी फेंक दिया।
26 नवंबर को घर से निकले अंबुज के देर रात तक नहीं लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। 28 नवंबर को उसके पिता संतोष मणि त्रिपाठी ने तिवारीपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें कई अहम सुराग मिले। जांच टीम आयुष तक पहुंची और शुरुआती पूछताछ में उसने झूठी कहानी सुनाई, लेकिन हिरासत में सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली।
पुलिस ने आयुष की निशानदेही पर महराजगंज से अंबुज के क्षत-विक्षत शव के हिस्से बरामद कर लिए। शव पांच दिन पुराना होने के कारण सड़ चुका था। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी भी बरामद की है। जिस अर्टिका कार में शव ले जाया गया था, वह आयुष के दोस्त की बताई जा रही है।
मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। एंबुलेंस में ही पिता ने बेटे का पिंडदान किया। घटना के बाद गोरखपुर में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए घर के आसपास चार थानों की पुलिस और PAC तैनात की गई।
पुलिस का कहना है कि मामले में साजिश, हथियारों की खरीद और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच चल रही है।






