एपीके फाइल के सहारे 3.78 लाख उड़ाने वाला शातिर ठग गिरफ्तार, बिहार निवासी साथी के साथ मिलकर करता था फ्रॉड
मुजफ्फरनगर। एक व्यक्ति को व्हाटसएप पर चालान भेजने के बाद उसके बैंक खातों से मोटी रकम साफ कर देने वाले शातिर ठग को साइबर पुलिस टीम ने पकड़ लिया है। आरोपी से ठगी गई रकम तो पुलिस बरामद नहीं कर पाई, लेकिन उसके सहारे कई बड़ी ठगी के मामले खुलने की संभावना है।
एसपी क्राइम इंदू सिद्धार्थ ने मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान साइबर ठगी की घटना का पर्दाफाश किया। उन्होंने मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि थाना ककरौली क्षेत्र के गांव ढांसरी निवासी नवाब अली पुत्र मौहम्मद इस्लाम ने 28 अगस्त को एसएसपी संजय वर्मा से मिलकर शिकायत की थी कि 18 अगस्त को उसके मोबाइल फोन पर व्हाटसएप पर एक मैसेज आया, उसने वो लिंक खोला तो उसके एचडीएफसी बैंक के जो दो खाते मोबाइल फोन से चल रहे थे, उनमें से दो बार की ट्रांजक्शन से 3,78,500 रुपये उड़ा लिये गये। एसएसपी के आदेश पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ठगी के मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी थी।
एसपी क्राइम ने बताया कि इस मामले में जांच कर रही थाना प्रभारी थाना साइबर क्राइम इंस्पेक्टर सुल्तान सिंह के नेतृत्व वाली पुलिस टीम ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान गुरप्रीत उर्फ गगन पुत्र चरणजीत सिंह निवासी इन्दौर मध्य प्रदेश के रूप में हुई है। गुरप्रीत ने ही नवाब अली को व्हाटसएप पर ई चालान एपीके फाइल भेजी, जिसके सहारे नवाब के खाते से रकम ट्रांसफर कर ली गई थी। बताया कि गुरप्रीत के पास से पुलिस ने दो मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आधार कार्ड बरामद किये हैं।
गुरमीत ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो अपने साथी पंकज निवासी धनबाद के साथ मिलकर साइबर ठगी करने का काम करता है। वो लोगों के मोबाइल फोन पर एपीके फाइल भेजते हैं और इसका लिंक ओपन करते ही मोबाइल फोन को हैक कर लेते हैं। इसके बाद उनके बैंक खातों से पैसा निकालने के बाद उसको दूसरे खातों में ट्रांसफकर करते हुए उस रकम से सामान खरीदते हैं और फिर उसको बेचकर मुनाफा बांट लेते हैं। एसपी क्राइम इंदू ने बताया कि गुरमीत के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में ठगी और धोखाधड़ी के चार मुकदमे पंजीकृत मिले है। पंजाब के फाजिलका में उसके खिलाफ साल 2020 में मुकदमा दर्ज है। पुलिस उसके गिरोह की गिरफ्तारी के लिए जांच में जुटी है।